बच्चे देश का भविष्य और कल के नागरिक - राकेश कुमार - Teachers of Bihar

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Tuesday, 14 November 2023

बच्चे देश का भविष्य और कल के नागरिक - राकेश कुमार

       सच्चाई ,मेहनत और ईमानदारी ये ऐसे शब्द हैं जो हमारे जीवन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इन शब्दों की नीव बाल्यकाल में ही पड़ जाती है जिस पर हमारी जीवन की बुनियाद निर्भर करती है अगर इन शब्दों को सकारात्मक उपयोग बच्चों को मन मस्तिष्क में डाला जाए तो एक बेहतर भविष्य और बेहतर समाज की संकल्पना मूर्त रूप लेती है जो हमारे महापुरुषों की संकल्पना है. एक बेहतर भविष्य एक बेहतर समाज का निर्माण का कर्तव्य हर नागरिक का होता है यहां इस तथ्य का तात्पर्य यह है कि बच्चे सबसे बड़े कलाकार होते हैं अर्थात बच्चे अनुकरण बहुत तेजी से करते हैं जैसे बड़े को करते देखते हैं वैसे बच्चे भी करते हैं ये सकारात्मक भी हो सकता है और नकारात्मक भी ये निर्भर करता है हम बड़ो पर अर्थात्‌ जैसी तस्वीर हम बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं वैसी ही परिणाम हमारे सामने आती है. शिक्षण के क्रम में हम (शिक्षक) इस बात का ध्यान रखते हैं कि बच्चों को संस्करणपूर्ण शिक्षा प्राप्त हो, नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण शिक्षा प्राप्त हो एवं समाज के बारे हमारे क्या दायित्व है इन सभी बातों का ज्ञान बच्चों को हो महापुरुषों की जयंती मनाने का उद्देश्य भी यही होता है. बाल दिवस एक ऐसा दिन जो बच्चों को महसूस कराए कि आज हमारा दिन है उनके चाचा नेहरू का जन्मदिन है. बच्चों के चाचा नेहरू और हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था। नेहरू जी ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने गांधीजी के संगठन में भी एक प्रमुख योगदान दिया।नेहरू जी ने भारत के संविधान के निर्माण में भी अहम योगदान दिया। वे शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी विकास के पक्षधर थे। नेहरू जी को बच्चों के प्यारे चाचा के रूप में जाना जाता था। उनकी मृत्यु 27 मई, 1964 को हुई। नेहरू जी के नेतृत्व में भारत ने आधुनिक राष्ट्र की पहचान बनाई। महापुरुषों के व्यक्तिव को कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. महापुरुषों की जयंती उनके आदर्शों, उनके नैतिक मूल्यों उनके दूरदृष्टि को याद करने का दिन होता है और हम (शिक्षकों) के लिए संकल्प का दिन होता है कि उनके सपनों का भारत बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें.

   

 बच्चे एक बगीचे में कलियों के तरह होते हैं और उन्हें प्यार से पोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के भविष्य और कल के नागरिक हैं चाचा नेहरू के इन पंक्तियों के साथ आप सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 



राकेश कुमार 

शारीरिक शिक्षक 

मध्य विद्यालय बलुआ 

मनेर ( पटना)

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