विश्व की सारी समस्याओं की जननी अशिक्षा होती है,इसलिये समस्याओं के निदान के लिये आम लोगों को शिक्षित किया जाना निहायत जरूरी है। लेकिन सरकारी स्तर पर इस जागरूकता कार्यक्रम को महज एक खानापुरी बनाकर विश्व जनमानस की चैन को छीन लिया जाता है।मेरा यह आलेख विश्व की प्रमुख समस्या चाहे बीट प्लास्टिक पोलयूशन, जल संकट,महामारी,प्रदूषण, दहेज हत्या,नशाखोरी,एडस तथा तबाही की दुनिया में भूचाल लाने वाले कोरोना वायरस की हो सारे ज्वलंत समस्याओं का निदान जागरूकता ही है। जैसा कि कहा जाता है कि एक पापी पूरी दुनिया को नष्ट कर देता है, उसी प्रकार कोरोना वायरस के दुनिया के सबसे बड़े खलनायक चीन के द्वारा फैलाये गये कोरोना वायरस की रोकथाम सिर्फ जागरूकता कार्यक्रम चलाकर ही किया जा सकता है।
मुझे लगता है कि आज विश्व में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत भी विश्व से कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभाव को रोकने वाले देशों में की श्रेणी में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन, अखिल भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं के द्वारा भारतीय जनमानस को अचानक उत्पन्न होने वाली खतरनाक बीमारियों से मुक्त बनाने के लिये जागरूकता कार्यक्रम चलाकर जागरूक बनाने का जो प्रयास किया है,धन्यवाद के पात्र हैं। साथ ही जिस सोशल मीडिया तथा मोबाइल की लोग कभी-कभी आलोचना करते हैं,रिंगटोन के पहले कोरोना वायरस से बचने के सुझाव को बजाकर जनहित में सराहनीय कार्य किया है, बधाई के पात्र है।
बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी,जो कि लगातार मद्यपान निषेध,दहेज उन्मूलन, बाल-विवाह निषेध,जल,जीवन और हरियाली जैसे सामाजिक तथा पर्यावरणीय समस्याओं के निदान के लिये लगातार लोगों को जागरूक किये जा रहे हैं,ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये जो उपाय किये हैं वह सराहनीय है। एक शिक्षक,मनोविश्लेषक के रूप मुझे लगता है कि भारत के सभी प्रांतों को भी चाहिये कि सामाजिक ,पर्यावरणीय तथा स्वास्थ्य संबंधी आने वाली जानलेवा समस्याओं के लिये जागरूकता कार्यक्रम को चलाया जाना चाहिये।
चूँकि आज का राज्य एक लोक कल्याणकारी राज्य है,जहाँ सरकार का कार्य "पालने के पूर्व से लेकर मृत्यु के बाद तक" लोगों की सेवा करना है।इसलिये सरकार को आये दिन किसी भी प्रकार की होने वाली भावी तबाही से बचने के लिये देश के सजग प्रहरी के रूप में कार्य करना चाहिये।
अंत में ,मेरी सलाह है कि समस्याओं से डरने की जरूरत नहीं है,क्योंकि प्रत्येक समस्या अपने आप में एक समाधान है। इसलिए आने वाली पीढ़ी को सजग रहते हुये किसी भी भयंकर बिमारी से भी डरने की जरूरत नहीं है,बल्कि इसके संक्रमण से बचने के लिये बताये गये सुझाव को अमल में लाकर इसे अलविदा किया जा सकता है।आइये हम सभी मिलकर स्वच्छ,स्वस्थ रहते हुये संपूर्ण विश्व की आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की कामना करें।
आलेख साभार-श्री विमल कुमार "विनोद"
प्रभारी प्रधानाध्यापक राज्य संपोषित उच्च विद्यालय पंजवारा,
बांका(बिहार)
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