विद्यालय में चेतना सत्र-अशोक कुमार - Teachers of Bihar

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Thursday 1 April 2021

विद्यालय में चेतना सत्र-अशोक कुमार

विद्यालय में चेतना सत्र

          मैं अशोक कुमार टीचर्स आफ बिहार के प्लेटफार्म से सभी साथियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं अभिनंदन करता हूं। टीचर्स ऑफ बिहार शिक्षकों का शिक्षकों के लिए एवं शिक्षकों द्वारा ऐसा प्लेटफार्म है जिसके द्वारा अपने आंतरिक ज्ञान को विद्यालय में सीखने-सिखाने में तथा गतिविधियों द्वारा बच्चों को वर्ग सापेक्ष दिशा प्रदान करने में नई ऊर्जा का संचार करती है। सरकारी विद्यालयों में प्रतिदिन 9:30 से 10:00 बजे चेतना सत्र का आयोजन किया जाता है। चेतना सत्र में सीखने-सिखाने की गतिविधियों का शुभारंभ किया जाता है। चेतना सत्र में प्रतिदिन वाह्यगुरू की वंदना की जाती है तथा 1 मिनट का मौन धारण किया जाता है। 1 मिनट के मौन धारण में सभी लोग अपने-अपने वाह्यगुरु से प्रार्थना करते हैं कि हे प्रभु हमारा आज का दिन सफल हो। मैं जिस कार्य के लिए आया हूं वह कार्य पूर्ण रूपेण सफल हो। मुझसे भूलकर भी गलती न हो। अगर भूल से भी गलती हो गई हो तो उसे क्षमा करना। चेतना सत्र सीखने-सिखाने की प्रारंभिक गतिविधियां है। इसमें बच्चे प्रतिदिन अपने तरीके से कभी वृत्त में तो कभी वर्गाकार तो कभी सीधी लाइन में खड़े होकर चेतना सत्र की शुरुआत करते हैं। चेतना सत्र कतारबद्ध तरीके से खड़े होकर करवाना है। इसकी वैधता समाप्त कर बच्चों को उनकी सोच पर छोड़ दिया जाता है। ऐसा करने पर बच्चे प्रतिदिन नए-नए तरीके से चेतना सत्र का शुभारंभ करते हैं तथा इससे उनके अंदर जिज्ञासा उत्पन्न होती है। चेतना सत्र में प्रतिदिन 2 बच्चे आगे आकर प्रार्थना करते हैं। उन बच्चों को यदि हम चाहे तो चांद एवं सूरज का मुकुट भी पहना सकते हैं। ऐसा करने पर हमारा चेतना सत्र और भी आकर्षक हो जाएगा। चेतना सत्र में प्रतिदिन साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाता है। जो बच्चे पूरे यूनिफार्म में आते हैं उन्हें शिक्षक एवं छात्रों द्वारा सम्मानित भी किया जाता है। ऐसी गतिविधियां करने से देखा जाता है कि बच्चे अगले दिन पूरा यूनिफॉर्म में आते हैं। यही गतिविधियां बच्चों को सीखने-सिखाने में कारगर सिद्ध होती है। तत्पश्चात बच्चों द्वारा 5 से 10 मिनट विशेष दिवस पर क्विज पर भी चर्चा की जाती है। बच्चे बड़े ही आनंददाई माहौल में सीखते हैं। यह सभी गतिविधियां बच्चों को सीखने- सिखाने में कारगर सिद्ध होती है तथा अंतिम में 5 मिनट बच्चों द्वारा समाचार का वाचन कराया जाता है। विद्यालयों में प्रतिदिन चेतना सत्र में इन सभी गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। 
          इसके उपरांत शनिवार को खास बनाने के लिए सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के तहत सड़क सुरक्षा, आगलगी, बिजली का ठनका, सर्पदंश, बिजली का झटका, भूकंप से बचाव, पानी में डूबने से बचाव पर विशेष रूप से बच्चों से चर्चा परिचर्चा की जाती है। सभी आपदाओं से निपटने के लिए प्रत्येक शनिवार को चेतना सत्र में विशेष रुप से बच्चों को बताया जाता है। बच्चे चेतना सत्र में कुछ न कुछ गतिविधियों से प्रभावित होते हैं तथा वह अपने जीवन में उतारने का भरपूर प्रयास करते हैं। यह गतिविधि विद्यालय के साथ-साथ हमारे परिवेश को भी प्रभावित करती है। परिवेश के लोग भी इस कार्यक्रम को सराहते हैं तथा उन्हें भी बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलता है। इसके उपरांत बच्चे एक दो तीन बढ़ते कदम शिक्षा के हैं सैनिक हम का उद्घोष करते हुए कतार बद्ध तरीके से अपने-अपने वर्ग कक्ष में प्रवेश करते हैं। चेतना सत्र हमारे विद्यालय के साथ-साथ हमारे परिवेश पर भी अपना प्रभाव स्थापित करता है। इसलिए हम शिक्षकों का परम कर्तव्य एवं दायित्व है की चेतना सत्र को जितना आकर्षक बनाएं उतना ही हमारे विद्यालय का शैक्षिक माहौल आकर्षक होगा।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

2 comments:

  1. बहुत ही उत्साहजनक और सराहनिए प्रयास।

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  2. अनुकरणीय प्रयास।

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