ज्ञान का अलख जगायेंगे,विकसित देश बनायेंगे।
ज्ञान का अलख जगायेंगे;
विकसित देश बनायेंगे।
भेदभाव का नाम न होगा;
प्यार का नग़मा गायेंगे।।
ज्ञान का.........
नफ़रत की दीवार गिरे और फूल खिले अब चाहत का।
सूरज-चाँद-सितारों से यह घर-आँगन हो राहत का।।
क़िस्मत हम चमकायेंगे।
ज्ञान का........
ऊँच-नीच का भाव न होगा;मिलजुलकर अब रहना है।
बेटा हो या बिटिया अपनी;उसे न अनपढ़ रखना है।।
सब बच्चों को पढ़ायेंगे।
ज्ञान का......
अँगूठा छाप का गया ज़माना;सदी इक्कीसवीं आयी है।
हम भारतवालों ने मिलकर:ख़ुशियाँ ख़ूब मनायी है।।
हम विश्वगुरु कहलायेंगे।
ज्ञान का.........
राजेश कुमार सिंह
उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलथारा
मोहिउद्दीननगर
समस्तीपुर
सादर आभार
ReplyDeleteYun hi sajate rahe pyar ki bagiya
ReplyDeleteBahut Achha
ReplyDeleteVery nice!
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