हम टीचर्स ऑफ बिहार हैं- कुमार गौरव (शिक्षक) - Teachers of Bihar

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Tuesday 30 July 2019

हम टीचर्स ऑफ बिहार हैं- कुमार गौरव (शिक्षक)

हम टीचर्स ऑफ बिहार हैं

मेरी लेखनी में ही मेरे विचार हैं, 
मैं बिहार का शिक्षक हूं ,
इनको उभारने के लिए ही तो " टीचर्स ऑफ बिहार "हैं..
लेकिन मीडिया के लिए हम ,
सरकारी शिक्षक कुछ नहीं करने वाले .....
लगता है बिल्कुल हम बेकार हैं..
उस मीडिया को जवाब देने आ गया एक प्लेटफॉर्म ,
जिसे कहते हैं हम " टीचर्स ऑफ़ बिहार"  हैं..
खेल विधि से बच्चों को है पढ़ाते, दौड़ दौड़ के कविता है सिखाते,
फिल्मों के गीतों को शिक्षा में है  पीरोते, 
आज के युग में प्राइवेट विद्यालयों में इसे ही कहते नवाचार हैं,
मैं बिहार का शिक्षक हूं 
मुझे उभारने के लिए ही तो "टीचर ऑफ बिहार " है
हम चेतना सत्र में भी बच्चों को बहुत कुछ है सिखाते,
हम सिर्फ पढ़ाई नहीं, उन्हें एक अच्छा इंसान भी बनाते,
खेलकूद और शिक्षा पाकर बदलता उनका तन मन ,और बदलते उनके विचार हैं...
मैं बिहार का शिक्षक हूं ,
उसे उभारने के लिए ही तो "टीचर्स ऑफ बिहार" हैं 
कुछ कहते हैं लोग गांव के बच्चे कुछ नहीं जानते ,
लेकिन उनको क्या पता है पेड़ पौधों के बारे में शहरी बच्चे भी उनका लोहा मानते,
जिसे लोग पढ़ते हैं उसे करके दिखाते हमारे ग्रामीण बच्चे...
शहरी परिवेश में इसे ही कहते ,
हमारे यहां प्रयोग की भरमार है...
मैं बिहार का शिक्षक हूं 
उसे उभारने के लिए ही तो आ गया "टीचर्स ऑफ बिहार" है


कुमार गौरव ,शिक्षक ,
राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय बिंद, नालंदा

7 comments:

  1. बहुत उम्दा बात हैं।बाकियो के लिए प्रेरणा दायक है आप जैसे लोग।

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  2. बहुत सुन्दर कविता है और प्रेरणा देती है

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