एक संदेश भारत के नाम - विमल कुमार शर्मा - Teachers of Bihar

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Sunday 26 January 2020

एक संदेश भारत के नाम - विमल कुमार शर्मा

!!एक संदेश भारत के नाम!!
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प्रिय मित्रों,मैं आप सबों का इस 71 वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन करते हैं, हार्दिक स्वागत करते हैं, हार्दिक अभिवादन करते हैं और गणतंत्र का यह 71 वाँ वर्ष हम सबों के लिए मंगलमय हो,खुशियों वाला हो और हमारी समृद्धि बढ़ाने वाला हो ऐसी कामना,हम अपने ईश्वर से करते हैं। 
अपने देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले और इस देश को सही मार्ग अर्थात राम राज्य बनाने के सपने देखने वालों को प्रणाम करते हैं, उनके आदर में अपनी शीश झुकाते हैं, अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 
आज हम सब इस तिरंगे के नीचे खड़े हैं क्यों? हम सब प्रत्येक वर्ष अपने इस तिरंगे को फहराते हैं क्यों? गणतंत्र का मतलब क्या होता है? क्या ये साल में एक बार आने वाला त्योहार मात्र है? हमें क्यों झंडे फहराने चाहिए और क्यों  इसका सम्मान हमें अपनी आन-बान-शान देकर भी करनी चाहिए? जानते हैं आप? इस तिरंगे के लिए हमारे देश को कितनी कुर्बानियाँ देनी पड़ी! कितनी आहुतियाँ देनी पड़ी! कितने बहनों की मांग की सिंदूर मिटी! कितनी माँ के लाल लील लिये गए! तब जाकर कहीं हमें इस तिरंगे के नीचे स्वच्छन्द होकर खड़े होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।जिसने हमारे लिए ,आपके लिए इस विश्वास के साथ अपने प्राण न्यौछावर किये कि हमारा भावी भविष्य हमारी गाथा को सुनकर-पढ़कर हमें याद करेंगे।क्या हम उसकी इस कुर्बानी को भूला दें? क्या उनकी आत्मा हमारे ऐसे दुर्व्यवहार को कभी माफ करेगी? नहीं ना! 
इसलिए हम अपने उस वीर सेनानियों की वीरता को सम्मान देने के लिए, उसके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए, उसके बलिदान को जायज ठहराने लिए हमें प्रत्येक वर्ष इस तिरंगे को फहराने ही होंगे क्योंकि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस अदम्य साहस-शौर्य के साथ अपने प्राणों को बलि की वेदी पर चढ़ाया है उसके इस ऋण से हम कभी भी उऋण नहीं हो सकते! सात जनम लेकर भी उसके इस ऋण से उऋण नहीं हो सकते हैं। इसलिए हम प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर इस तिरंगे को फहराते हैं। 
गणतंत्र कोई साल में आने वाला त्योहार नहीं जो 26 जनवरी को  उत्सव के रूप में मना लिये । ये तो हमें हमारे कर्तव्यों का स्मरण कराता है। 
हम हमेशा अधिकारों की बात करते हैं। हाँ, हमारे लिए अधिकारों की बात भी हमारा संविधान करती है। 
हमारे संविधान में हमारे लिए हमारे लिए कुल ग्यारह मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है वहीं हमारे लिए पूरे छ: अधिकारों का भी प्रावधान करती है। वो छ:मूल अधिकार हैं-
१. स्वतंत्रता का अधिकार
२. समता का अधिकार
३. शोषण के विरोध अधिकार
४.धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
५.संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार
और
६. संवैधानिक उपचारों का अधिकार। 
मैं कहता हूँ अगर हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही-सही करें तो हमें अधिकारों की जरूरत हीं नहीं पड़ेगी। 
अधिकारों की बात तो वहाँ आती है जहाँ हम अपने कर्तव्यों को सही रूप से निर्वहन करने में भूल करते हैं। जिसका सम्पुष्ठि हमारा संविधान करता है। यहीं नियम हमारा संविधान है। हम जानते हैं कि संविधान देश को चलाने के लिए नियमों का,कर्तव्यों का, व्यवहारों का, अनुशासन का, शिष्टाचार का, हमारी संस्कृति का संकलन है। जो हमें हमारी अस्मिता को अक्षुण्ण बनाये रखने में सहायक है। ये वही संविधान है जिसमें बालक, वृद्ध, युवक, शिशु, नर-नारी और बालिका सबों का मान-सम्मान, आदर सत्कार, पद-प्रतिष्ठा सब बराबर है ऐसा बताता है। इसलिये इस संविधान के सम्मान में हमें प्रत्येक वर्ष इस तिरंगे को फहराने होंगे। इसलिये हमें अपनी इस धरोहर की रक्षा अपनी आन-बान-शान देकर भी करने होंगे। 
        हमारा ये देश कितनी सौंदर्य से भरपूर है। सचमुच में विविधता हीं हमारे देश की सौंदर्यता है। जहाँ लोगों का रंग अलग है, रूप अलग है, रहन-सहन अलग है, बोली अलग है, भाषा अलग है, हमारा खान-पान अलग है,जाति अलग है,पंथ अलग है,धर्म अलग है फिर भी इतनी विविधता के बाद भी हम सभी भारतवासी एक हैं। यही तो हमारा सौंदर्य है जिस कारण हम गर्व से कहते हैं कि -
हिन्दू-मुस्लिम, सिख- ईसाई
आपस   में   हैं   भाई-भाई। 

अन्त में हम आप सबों से वादा करते हैं कि हम सदैव संविधान में वर्णित मूल्यों का अनुसरण करेंगे, अपने कर्तव्यों को सही-सही निर्वहन करने की सम्पूर्ण चेष्टा करेंगे और यही आकांक्षा आप सबों से भी करेंगे। और कहेंगे कि-
नहीं चाहते हम धन दौलत,नहीं चाहते हम अधिकार।
बस स्वतंत्र रहने दो हमको,और स्वतंत्र कहे संसार।।
एक बार फिर से हम आप सबों का हार्दिक अभिनंदन करते हैं और शुभकामनायें देते हैं कि-
हमारा ये गाँव, ये प्रखण्ड, ये जिला, ये राज्य और ये देश सदैव प्रगति के पथ पर अपने सहजता,सुन्दरता,निर्मलता और मधुरता से अनवरत रूप में अग्रसर हों। और अपने सुन्दर सपनों को साकार करें

गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई संग बहुत बहुत शुभकामनायें

         










विमल कुमार शर्मा
सहायक शिक्षक 
उ०म०वि०शेखपुरा(बालक) 

बिहारीगंज, मधेपुरा
       

3 comments:

  1. अति सुंदर श्रीमान जी ढेर सारी शुभकामनाएं बधाई हो बधाई हो बधाई हो

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  2. अतिसुंदर ,सराहनीय।

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  3. अति सुन्दर पार्टनर

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