कोरोना वायरस पर दो शब्द-मणिकांत मणि - Teachers of Bihar

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Saturday 28 March 2020

कोरोना वायरस पर दो शब्द-मणिकांत मणि

दुनियाँ चाकू के ऊपर खड़ी है
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घर में पालन करो लाॅकडाउन,
आज सच में विकट की घड़ी है।
जब है रहने का ठौर-ठिकाना,
भीड़ बढ़ाना, तुझे क्या पड़ी है?
न तू हल्के में समझो "कोरोना"
दुनियाँ चाकू के ऊपर खड़ी है।

पर ये कटना है मुश्किल, गरीबी का दिन।
जो कमाकर ही खाते थे, रोज कीन-कीन।
सोचो जीवन होगा, उनका कैसा कठिन?
मेरे पांव तले से है, खिसका ज़मीन।

फिर भी होगा, सबूरी से रहना,
नून-रोटी से आफत बड़ी है।
घर में पालन करो लाॅकडाउन,
आज सच में विकट की घड़ी है।
जब है रहने का ठौर-ठिकाना,
भीड़ बढ़ाना तुझे क्या पड़ी है?
न तु हल्के में समझो कोरोना,
दुनियाँ चाकू के ऊपर खड़ी है।
दुनियाँ चाकू के ऊपर खड़ी है।
दुनियाँ चाकू के ऊपर खड़ी है।


मणिकांत मणि
प्राथमिक विद्यालय हरदियां बेदौली 
पालीगंज, पटना

4 comments:

  1. बहुत-बहुत....सुंदर रचना।
    विजय सिंह

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया मान्यवर

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