Thursday, 16 April 2020
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डायवर्सन में ज़िंदगी-पूजा कुमारी
डायवर्सन में ज़िंदगी
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ईशा एक शिक्षिका थी और हर दिन की तरह अपने विद्यालय जाने के लिए ऑटो स्टैण्ड में ऑटो का इंतज़ार कर रही थी। बहुत सी बातें उसके दिमाग में एक साथ चल रही थी। स्कूल भी कितना दूर है, आने-जाने में ही दो घण्टे निकल जाते हैं और इस जर्किंग में जो एक्सरसाइज होता है वो अलग। शाम में स्कूल से आकर शादी में भी जाना है, रात भर शादी में जगो और फिर सुबह स्कूल। नवम्बर-दिसम्बर आया नहीं कि लगता है सब इसी बार शादी कर लेंगे। इसी उधेड़बुन में वो खुद से सवाल भी पूछे जा रही थी और खुद ही खुद को जबाव भी दिए जा रही थी। अचानक उसे एक ऑटो दिखा जो उसके स्कूल की तरफ ही जा रहा था लेकिन ये क्या, ये तो पूरा भरा हुआ है पर पीछे में मुश्किल से एक सीट एडजस्ट हो सकता था। अब स्कूल जाने के टाइम तो एक-एक सेकंड, एक घण्टे की तरह बीतता है इसलिए वो किसी तरह उस पीछे वाली सीट पर बैठ गयी। उसके बगल वाले सीट पर दो-तीन बच्चे बैठे थे। वो आपस में काफी मस्ती कर रहे थे। बच्चों को इस तरह मस्ती करते देख उसे थोड़ा हल्का महसूस हुआ। वो उन बच्चों में खो गई। कुछ ही देर में डायवर्सन आया तो ईशा की तन्द्रा टूटी। फिर उसके चेहरे पे तनाव के बादल आ गये और मन ही मन बुदबुदाई, पता नहीं कब ये पुल बनेगा और उसे इस डायवर्सन से मुक्ति मिलेगी। लेकिन ये क्या, बच्चे तो और ज्यादा खुश हो गए डायवर्सन आने पर! वो और उछल-उछल कर बोलने लगे- झूला झूलो, झूला झूलो! उनकी माँ उन्हें चुप करा रही थी पर वो कहाँ मानने वाले थे। कुछ देर में ऑटो डायवर्सन से गुज़र कर मेन रोड पर आ चुकी थी और बच्चे उस डायवर्सन की यात्रा कर बहुत खुश थे। ईशा, जो गौर से उन्हें देख रही थी, के चेहरे का तनाव अब छू-मंतर हो चुका था और वे बच्चे मानो जाने-अनजाने उसे ज़िन्दगी का बहुत बड़ा पाठ पढ़ा गए थे। अब उसे उसके व्यस्ततम रूटीन से कोई शिकायत महसूस नहीं हो रही थी और वो मानो हर चीज़ के लिए खुले दिल से तैयार थी।
कुछ इसी तरह हम सबकी ज़िंदगी की गाड़ी अभी डायवर्सन से गुज़र रही है। कुछ लोग ईशा की तरह परेशान हो रहे हैं और कुछ लोग उन बच्चों की तरह उसमें झूला झूल रहे हैं और उसके मज़े ले रहे हैं! डायवर्सन भी गुज़र जाना है और फिर उसी रफ़्तार से दौड़ेगी ज़िन्दगी की गाड़ी। आखिर ईशा ने भी तो सबक लिया उन बच्चों से और ज़िन्दगी में खुशी के नए आयाम को तलाशा। तो आइए हम सब भी इस डायवर्सन में खुशी के नए-नए आयाम तलाशते हैं ताकि हमारी ज़िंदगी की गाड़ी जब हाईवे पर आए तो उसे पिक-अप देने के लिए हम सब में भरपूर ऊर्जा हो।
पूजा कुमारी
म. वि. जितवारपुर
अररिया
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Nice, appreciable and heart teaching
ReplyDeletearticle
Thank you!
Deleteशानदार संस्मरण । बधाई।
ReplyDeleteबहुत अच्छा 👌👌
ReplyDeleteThank you!
Deleteडायवर्सन हमें आगे आने वाले हाइवे की उम्मीद जगाता है। हमें उम्मीद और आत्मविश्वास के सहारे जीवन की चुनौतियों का सामना करना चाहिए। अच्छे संस्मरण के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं....
ReplyDeleteDiversion is a nice life story so correlated
ReplyDeleteIt's also a part of happy life!
Deleteप्रेरणादायी!
ReplyDeleteविजय सिंह
Thank you!
Deleteअद्भुत संस्मरण ।
ReplyDeleteThanks!
Deleteसचमुच में, डायवर्सन की सीख से खुशी के नये आयाम तलाशिए। शानदार व मर्मस्पर्शी संस्मरण। बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteजो ईसा बन सीख है लेती
ReplyDeleteहाइवे दौड़ वही पा जाती
जो घर दुःख है रोता रहता
सुख डाईभर्शन कहाँ वह पाता।।
सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत आपकी यह रचना।।हार्दिक बधाई।।
ReplyDeleteDiversion means the conditional channelling of children in conflict with the law away from ... it necessarily involve the child taking responsibility for his or her actions in a positive way.
To be continue and refind your writing. I really appreciate such way of spirit.
Thanks with Regards
Chandra Mishra