Sunday 20 June 2021
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योग दिवस-आंचल शरण
योग दिवस
आज 21 जून है जिसे हम सभी "योग दिवस" के रूप में मनाते है। योग हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि यह कहा गया है कि "पहला सुख स्वस्थ्य काया, दूजा सुख घर की माया।"
कहने का तात्पर्य यह है कि दुनियाँ की सबसे बड़ी ताकत आपका शरीर है क्योंकि स्वथ्य शरीर स्वस्थ्य जीवन का निर्माण करती है। इसलिए हमें प्रत्येक दिन 30 से 40 मिनट योग को देना चाहिए क्योंकि आज के मशीनरी युग में हम श्रम वाले काम कम ही करते है इसलिए हमारा शरीर आलसी और कमजोर होता जा रहा है। अगर यकीन न हो तो गाँव और शहरों के लोगों को देख लें कौन कितना चुस्त दुरुस्त है। हमारा घरेलू क्रिया कलाप भी योग का ही एक हिस्सा है इसलिए हमें हमेशा कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। आठ घण्टे से अधिक और बेवजह सोना नहीं चाहिए। योग आलस का सबसे बड़ा दुश्मन है।
योग विद्या हमारे धर्म में आदि काल से ही ऋषि मुनियों के द्वारा चलता आ रहा है। इसकी शुरुआत भी उसी काल से ही चलती आ रही है। योग की उत्पत्ति भगवान शिव से मानी गई है। आज हमलोगों का पूजा-पाठ, ध्यान, साधना सभी योग का ही रूप है। योग देवत्त प्राप्त करने का एक मात्र जरिया है। इसके बगैर देव प्राप्ति नामुमकिन है।
आज दुनियाँ में जितनी भी बीमारियाँ उत्पन्न हो रही है सभी का निदान योग ही है। बस हमें इसकी सही और पूरी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि आदि काल में सभी रोगों का निवारण योग और जड़ी बूटियों के द्वारा ही किया जाता था। तभी तो उस युग के लोग लम्बी और निरोग जिंदगी जीते थे।
आज भले भी आधुनिकता और विज्ञान का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ गया है जिससे लोग अपनी पुरानी पद्धति को भूल गए है और लाखों रुपया बर्बाद करके भी स्वस्थ्य जीवन नहीं जी पा रहे है। हम दिनो दिन जितने रईस और आलसी हो रहे है हमारा शरीर भी छिन्न होता जा रहा है। हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती जा रही है। इसलिए हमें आलस्य को त्याग कर सख्त तरीके से योग अपनाना चाहिए। नहीं तो हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियाँ घेर सकती है।
आज भारत के योग गुरु बाबा रामदेव जी द्वारा पूरे विश्व को योग सिखाने के लिए बहुत सारे कार्यक्रम दूरदर्शन पर एवम बड़े-बड़े जगहों मे प्रस्तुत करते है ताकि सभी लोग इससे लाभन्वित हो सकें। उनके द्वारा सभी रोगों का निवारण योग द्वारा करवाया जाता है। वैसे योग के द्वारा कोई भी ऐसी बीमारी नहीं है जिसका उपचार कठिन हो परंतु कुछ बीमारी जो आजकल हर घर में फैली हुई है जिसके नाम इस प्रकार है-
थायराइड, मोटापा, उच्चरक्त चाप, मधुमेह, सिर दर्द इत्यादि।इन सब के निवारण लिए प्रचलित और सहज योगासन है- प्राणायाम, कपालभाती, अनुलोम विलोम, शीर्षासन, भुजंग आसन, सुर्यप्राणायम इत्यादि।
जिस तरह से आज योग के प्रचलन को बढ़ाने के लिए इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है इसके लिए बड़ी- बड़ी हस्तियाँ इस कार्य में जुटि है तो हमें भी अपने जीवन में योग को पूरा स्थान देना चाहिए जिससे मनुष्य को फायदे ही फायदे हैं। सबसे पहले कि हम जल्दी बूढ़े नहीं होंगे जैसे फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी योग के द्वारा ही ज्यूँ के त्युं दिखती है। वही उनकी उम्र की अन्य महिलाएं अपनी झुर्रियों एवम बीमारियों से परेशान है। वहीं दूसरे फायदे हमारे मस्तिष्क के लिए है जो हमारे यादास्त को हमेशा बनायें रखती है और वहीं हमारे शरीर के सभी विकारों का नाश करती है और हमें योग करने के लिए किसी विशेष दिन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। हमारे शरीर को स्वस्थ्य और कंचन रखने के लिए प्रत्येक दिन योग दिवस जैसा मनाना चाहिए। इसलिए कहते है- "करें योग रहें निरोग"
आंचल शरण
बायसी पूर्णिया
बिहार
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