योग ने महापुरुष बनाया-कुमारी अनु साह - Teachers of Bihar

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Sunday 20 June 2021

योग ने महापुरुष बनाया-कुमारी अनु साह

योग ने महापुरुष बनाया 

          योग एक अध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है । दूसरे अर्थों में अगर हम कहे कि खुद को जानने की प्रक्रिया ही योग है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि योग से शरीर और आत्मा का जोड या जुडाव होता है । योग से शारीरिक, मानसिक और समाजिक स्वस्थता को प्राप्त किया जा सकता है । योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोडता है और हमें मजबूत और शांतिपूर्ण बनाता है । योग आवश्यक है क्योंकि यह हमें फिट रखता है और तनाव, चिडचिडापन, चिंता आदि को कम करने मे मदद करता है। योग करने से मन प्रफुल्लित और स्वस्थ रहता है और एक स्वस्थ मन ही हमें अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है। योग के द्वारा मन और इन्द्रियों को वश मे किया जा सकता है । योग से सकारात्मक सोच का विकास होता है । सकारात्मक सोच ही खुशहाल जीवन का मूलमंत्र है । योगासनों के नियमित अभ्यास से मेरुदंड सुदृढ़ बनता है जिससे शिराओं और धमनियों को आराम मिलता है । योग करने से शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं । कई बार तो ऐसा भी देखने में आया है कि शरीर के निष्क्रिय अंग भी योग करने से सक्रिय हो गए । योग हर उम्र के व्यक्तियों के लिए लाभदायक है । योग एक ऐसी दवा है जो बगैर खर्च रोगियों का इलाज करने मे सक्षम है । नियमित योगाभ्यास से कई तरह के रोग जैसे- अस्थमा, थाइराइड, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, लीवर संबंधी  कई समस्याओ से मुक्ति मिलती है । योग करने से शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं होता है जिस वजह से शरीर बीमारियों से दूर रहता है ।  योग करने से एकाग्रता बढ़ती है जो बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है इससे बच्चों की स्मरण शक्ति बढती है जिससे पढाई-लिखाई मे फायदा मिलता है । यह शरीर को उर्जावान बनाए रखता है इसलिए आज बहुत सारे युवा जिम को छोडकर योग विद्या को अपना रहे हैं । 
          प्रातःकाल का समय योग करने का सबसे सही समय है। योग की परम्परा अत्यंत प्राचीन है और ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्यता की शुरुआत हुई तब से ही योग की भी शुरुआत हुई । सिन्धु घाटी सभ्यता के मिले अवशेषों मे भी योग की झलक मिलती है । पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव को योग विद्या मेंं आदि गुरु माना जाता  है । वैदिक काल में ऋषि-मुनियों ने योग का खूब प्रचार प्रसार किया । कालांतर में  विवेकानंद, बुद्ध और महावीर ने इसके द्वारा ही अपने  लक्ष्य को प्राप्त किया । उन लोगों का जन्म तो साधारण मनुष्य के रूप में ही हुआ था पर योग ने ही उन्हें महापुरुष बनाया । योग की शुरुआत भारत में हुई थी और भारत से  ही इसका कई देशों में प्रचार-प्रसार हुआ । हमारे देश में उत्तराखंड के ऋषिकेश को योग नगरी के नाम से भी जाना जाता है । आजकल भागदौड़ भरी जिन्दगी मे व्यस्तता की वजह से कई लोग योग के प्रति जागरूक नहीं है या योग को महत्व नहीं देते हैं इसलिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से  2015 से ही हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है ।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मे  2021 की थीम है "योग के साथ रहे घर पर रहे"।
योग के कुछ नियम :- 
1. योग हमेशा प्रातःकाल या सायंकाल में ही करें ।
2. योग हमेशा खाली पेट ही करें । 
3. योग अपने शरीर के हिसाब से करें, वही आसन करे जो आप आराम से कर सकते हैं । 


कुमारी अनु साह 
प्रा. वि. आदिवासी टोला भीमपुर 
छातापुर सुपौल 

1 comment:

  1. योग हमे निरोग बनाते है

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