Sunday 20 June 2021
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योग ही रोग का मुक्ति मार्ग है-एम० एस० हुसैन "कैमूरी"
योग ही रोग का मुक्ति मार्ग है
आज कल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई तरह-तरह के बीमारियों से घिरा हुआ । ना हीं सुकुन से खाना और ना हीं उचित आराम करना केवल ही काम ही नज़र आता है । और व्यस्तता इतनी बढ़ गई है कि किसी के पास कोई दो - चार मिनट बैठकर बात कर लें । धीरे-धीरे रिश्तों के दरमियाँ दूरियां बढ़ती जा रही हैं और साथ ही साथ हमारे माथे पर चिंता की लकीरें भी उभर कर साफ़ दिखाई देने लगती है । और आखि़रकार हम बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं, चलने फिरने में परेशानियों से लड़ना पड़ता है । हमारी अस्थियां सुचारू रूप से काम नहीं कर पाती है। हाथ पैरों में जकड़न सी होने लगती है और लोग अस्पतालों का चक्कर लगाने लगते हैं। जगह-जगह से दौड़ खा जाने के बाद आखिर में एक ही जवाब मिलता है आप अपने घर पर ही सही कुछ योग (व्यायाम ) कीजिए और तंदुरुस्त रहिए ।
आइए हम आसान भाषा में योग के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। योग का संस्कृत शब्द है “यूज” इसका मतलब होता है जुड़ना। यानि आध्यात्मिक भाषा में हमें स्वयं को अपनी आत्मा से जुड़ने को योग कहते है। योग एक सरल और स्वस्थ जीवन जीने का आसान रास्ता होता है। अगर आपको अपने सेहत को तंदुरुस्त रखना और बेहतरीन ज़िन्दगी गुजा़रने की ख्वाहिश है। तो आप अपनी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए योग को अपनी रोज़मर्रा में शुमार किजीए। योग से हर प्रकार की बीमारी का इलाज संभव है। योग एक शारीरिक व्यायाम है जो हमारी सां,, धड़कन, मन की शांति, रक्त और बीमारियों को नियंत्रित करने का काम करता है । योग के बहुत सारे फायदे हैं।
* सांस की परेशानियों से निजात दिलाना
* इम्युन सिस्टम को बढ़ाना
* मांस पेशियों को ताकतवर बनाना
* रीढ़ की हड्डी को मज़बूती प्रदान करना
* हमारे शरीर को सुंदर और सुडौल बनाना
* रक्त प्रवाह को बढ़ाना
* लंबी और ग्रसित बीमारियों से छुटकारा दिलाना
आज इंसान दो तरह के बिमारियों से जकड़ा हुआ है । मानसिक बीमारी - हर समय वह तनाव पूर्ण की स्थिति में चिंताओं के दलदल में धंसते जा रहा है, कभी दवाई की चिंता तो कभी पढ़ाई की चिंता होती है या उसको हम यह कह सकते हैं कि वह चिंता की सागर में हिचकोले खा रहा है। दूसरा शारीरिक बीमारी- इसमें तमाम तरह की बीमारी होती है। ज्वर, खांसी, टायफाइड, मलेरिया जैसे अनेकों बीमारी जो आदमी को पूरी तरह से तोड़ देती है। इन तमाम तरह की बीमारियों का एकमात्र इलाज निरंतर योग है । योग के कुछ नियम और सावधानियां भी हैं ।
* योग करने के लिए उचित स्थान का होना आवश्यक है ।
* योग हमेशा सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद करना चाहिए ।
* योग हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए ।
* योग करते समय सूती वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए ।
* योग करने से पहले कुछ वार्म अप भी जरूरी है ।
* योग करने के दौरान कुछ परेशानी हो रही है तो चिकित्सक परामर्श जरूरी है ।
* अगर कोई नया व्यक्ति योग कर रहा है तो उसे किसी की गाइड लेनी चाहिए ।
योग का होना हमारे जीवन में बहुत जरूरी है । जैसे हमारे जीवन यापन के लिए खाना, पानी, हवा, कपड़ा, मकान आदि जरूरी है ठीक उसी तरह हमें स्वस्थ रहने के लिए योग करना जरूरी है । हमारे पूर्वज अक्सर निरोग हुआ करते थे क्योंकि वह सुविधा भोगी नहीं बने हुए थे। उन्हें कहीं जाना होता था तो पैदल ही चला करते थे क्योंकि उस समय इतने यातायात के साधन नहीं थे। वे लोग कृषि कार्य अपने हाथ से ही किया करते थे । उनके अन्दर आलस्य नाम की कोई चीज़ नहीं पनपती थी और वे लोग मेहनती के साथ-साथ दीर्घायु भी हुआ करते थे । इसलिए उन्हें योग की आवश्यकता नहीं पड़ी, उनका काम ही उनका योग हुआ करता था । मगर आज हम और आप अगर दो किलोमीटर भी चलना होगा तो पैदल नहीं चल सकते हैं क्योंकि हम तो सुविधा भोगी हो चुके हैं । हमारे पास यातायात के अनेक साधन हैं तो फिर हम पैदल क्यों चलेंगे ? हमारे अंदर आलस्य पन भण्डार आ चुका है । हमारे इसी आलस्यपूर्ण स्थिति के कारण ही तरह-तरह की बीमारियों का अंबार का लगा हुआ है । अगर हमें इन बीमारियों से छुटकारा पाना है तो यथासंभव योग करना भी जरूरी है । योग से हम अपनी बीमारियों को मात दे सकते हैं क्योंकि योग ही रोग का मुक्ति मार्ग है ।
एम० एस० हुसैन "कैमूरी"
उत्क्रमित मध्य विद्यालय छोटका कटरा
मोहनियां कैमूर बिहार
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Yoga sabhi bimariyo ka ilaj h
ReplyDeleteसादर आभार टीम टीचर्स आफ बिहार 🙏 🙏🙏🙏
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