Sunday, 15 August 2021
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लहराता तिरंगा-श्री विमल कुमार "विनोद"
लहराता तिरंगा
यह सर्वविदित है कि हमारा भारतवर्ष 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी को तोड़कर आजाद हुआ। इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है। इसके बाद 26 नवंबर 1949 को हमारा भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को इसे संपूर्ण भारत वर्ष में लागू कर दिया गया जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी गणतंत्र दिवस से जुड़ा हुआ एक खुबसूरत शब्द जो कि "गणराज्य" के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है, "जिस राष्ट्र का राष्ट्राध्यक्ष मनोनीत नहीं निर्वाचित हो को इंगित करता है।
15 अगस्त 2021 सम्पूर्ण भारतवर्ष अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है जो कि हमारी वर्तमान पीढ़ी के जीवन में नव यौवन, स्फूर्ति, उमंग, कोरोना संक्रमण से बचाव, एक अच्छे संस्कार, नैतिकता, जल, जीवन और हरियाली, कृषि के क्षेत्र में लगातार तरक्की तथा शिक्षा के क्षेत्र में युवा शक्ति के चहोन्मुखी विकास की एक कहानी को दोहराने की गाथा को सुनाने का प्रयास कर रही है। एक विद्यालय प्रधान होने के नाते विद्यालय तथा विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले नौनिहाल बच्चे-बच्चियों के जीवन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का समावेश कराने का प्रयास करते हुए उनके जीवन में कल के सुनहरे जीवन की सारी खुबियों तथा खुशियों का समावेश कराते हुए उसको रोजगारोन्मुखी शिक्षा से सराबोर कराने का प्रयास करना हम और हमारे सहयोगियों की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। साथ ही आने वाले समय में बच्चों को सर्वगुण संपन्न बनाते हुए उनमें उत्कृष्ट शिक्षा का समावेश करा देना ही हम शिक्षकों का परम उत्तरदायित्व माना जाएगा।
स्वतंत्रता दिवस पर मात्र अपने देश के शहीदों की कुर्बानी को याद किये जाने से ही देश महान नहीं हो सकता है बल्कि उनकी कुर्बानी को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए वर्तमान पीढ़ी तथा आने वाली पीढ़ी के नौनिहालों में एक सुनहरे दिन की खुबसूरत छटा को लगने देने के लिए हमें अपने कर्त्तव्य के प्रति जो हम समर्पित है को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना होगा।देश में पर्यावरणीय समस्याओं से आनेवाली पीढ़ी को रूबरू कराते हुए "जल, जीवन और हरियाली" कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का प्रयास लेना होगा। इसके साथ ही पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त कराने तथा भारत के माननीय प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के भारत स्वच्छता अभियान को सरजमीं पर लाने हेतु कम-से-कम विद्यालय परिसर के आस-पास के क्षेत्र को कचरा फेंकने से मुक्ति दिलाने का प्रयास कराते हुए हमलोगों को अधिक-से-अधिक वृक्षारोपण करने का प्रयास करना चाहिए। हमारा "लहराता तिरंगा" देश की "आन-बान-शान" है जिसे हम हरगिज न झुकने देंगे। इसके लिए हमें अपने बाल-बच्चों को "गणवेश" में विद्यालय में भेजने की कोशिश करनी चाहिए तथा उनके जीवन में शिक्षा का संचार करने के लिए उन सभी को सुन्दर निर्देशन तथा मार्गदर्शन देने का प्रयास करना चाहिए ताकि हमारे भारतवर्ष का नाम विश्व के मानस पटल पर सर्वोच्च बना रहे। भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय जनमानस को समर्पित।
श्री विमल कुमार "विनोद"
राज्य संपोषित उच्च विद्यालय पंजवारा
बांका (बिहार)
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मेरे जैसे साधारण शिक्षक के आलेख को प्रकाशित करने के लिये "टीचर्स ऑफ बिहार"के प्रत्येक शिक्षक को मेरे ओर से बहुत-बहुत बधाई।आप इसी तरह हमारे आलेख को अपने बेबसाइट में जगह देते रहे हैं इसके लिये आप सबों को पुनः
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई के साथ-साथ आभार।