हिंदी का नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि। फारसी बोलने वाले तुर्क जिन्होंने गंगा के मैदान और पंजाब पर आक्रमण किया, 11वीं शताब्दी की शुरुआत में सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ नाम दिया था। यह भाषा भारत की आधिकारिक भाषा है और संयुक्त अरब अमीरात में एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक भाषा है। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था और तब से इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी को अंतष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है।हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का विचार पहली बार 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा लाया गया था। भारत का संविधान अनुच्छेद 343 हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देता है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने 1977 में वैश्विक स्तर पर हिंदी में एक अन्तर्राष्ट्रीय दर्शकों को संबोधित किया था। उस वक्त वे विदेश मंत्री थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था। इस दिन को चिह्नित करने के लिए, 14 सितंबर से 21 सितंबर तक पूरे सप्ताह को राजभाषा सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान, भाषा को बढ़ावा देने के लिए निबंध लेखन, वाद-विवाद, कविता पाठ जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। यह इवेंट्स कई स्कूलों और कॉलेजों में हर साल आयोजित किया जाता है। हिन्दी दिवस के दिन ही भाषा सम्मान पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। इस अवॉर्ड से उन लोगों को नवाज़ा जाता है, जिन्होंने अपने लेखन और अन्य माध्यमों से भाषा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विविधताओं के देश भारत में हिंदी भाषा ही लोगों को एकता के सूत्र में पिरोती है। यह दुनिया भर में बसे भारतीयों को भावनात्मक रूप से एक साथ जोड़ने का काम भी करती है। इसी अहमियत को ध्यान में रखकर हर साल 10 जनवरी का दिन विश्व हिन्दी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रचार-प्रसार के लिए 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की थी।
हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 10 जनवरी 1975 से ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ का आयोजन शुरू किया गया। पहले विश्व हिंदी सम्मेलन 7की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए प्रतिवर्ष 10 जनवरी को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में पेश करना है। हिंदी , स्पैनिश, इंग्लिश के बाद विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है। दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। भारत, फिजी के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूगांडा, सिंगापुर, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम ,यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है। हिंदी विश्व के तीस से अधिक देशों में पढ़ी-पढ़ाई जाती है, लगभग 100 विश्वविद्यालयों में उसके लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं। अमेरिका में लगभग एक सौ पचास से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी का पठन-पाठन हो रहा है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी की ‘वर्ल्ड इंग्लिश एडिटर’ डेनिका सालाजार के अनुसार अब तक हिंदी भाषा के करीब 1000 शब्दों को डिक्शनरी में जगह मिल चुकी है। दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी (शब्दकोश) हर साल भारतीय शब्दों को जगह दे रही है। भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। दरअसल आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया।
मधु प्रिया
मध्य विद्यालय रामपुर बी एम सी सह उच्च माध्यमिक विद्यालय रामपुर दक्षिण फारबिसगंज अररिया।
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