विद्यालय में बहुत सारे बच्चे आपस में कहते हैं कि हम पढ़-लिखकर शिक्षक,प्रोफेसर,इंजीनियर,डाॅक्टर, पदाधिकारी बनेंगे। इनमें से कुछ बच्चे जो कि अमीर परिवार से आते हैं तो कुछ साधारण परिवार से। बहुत सारे बच्चे जिनके माता-पिता नौकरी करने वाले तो कुछ के पिता का परिवार गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले होते हैं।विद्यालय में भी कुछ निजी तो अधिकतर सरकारी होते हैं। दुर्भाग्य की बात है कि अपने बच्चों को निजी विद्यालय में पढ़ाने वाले,सरकारी विद्यालय में नौकरी करने को लालायित रहते हैं।
ऐसे ही सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के विकास में बिहार शिक्षा परियोजना,सर्व शिक्षा अभियान के द्वारा लगातार बच्चों का सर्वांगीण विकास करने की ओर ध्यान दिया गया है। "उड़ान"आलेख में सरकारी विद्यालय के प्रधान को समग्र शिक्षा कार्यालय से संदेश मिलती है कि आपके विद्यालय के दो बच्चों को जिला के अन्य बच्चों के दल के साथ पटना में तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने जाना है।उत्साही विद्यालय प्रधान ने इसके लिये मेहनत की और दो बच्चों का नाम चयनित करके बच्चों के शरीर में पंख लगाने का प्रयास करते हुये जिला को भेज दिया,इस सोच के साथ भेजने का प्रयास किया कि जाओ आगे तुम्हारे पंख फैलने लगे,तुम भी आत्मविश्वास और सच्ची लग्न,मेहनत के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करो ताकि तुम अपने जीवन में तरक्की करो। बच्चे जब विद्यालय से जिला पहुँचे तो विभाग के द्वारा जिस प्रकार से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया कि उनके डैने खुलने लगे।जिला कार्यालय से बच्चों को पहनने के लिये दिये गये जूते तथा पोशाक को पाकर,पुनः अच्छी गाड़ी से पटना ले कर जाने से बच्चों में कुछ करने की खुशी उमड़ रही थी,बच्चों को आगे बढ़कर कुछ करने कि ललक और मन में उठ रही उत्सुकता बच्चों के मन में कौतुहल सी पैदा कर रही थी।
विद्यालय प्रधान को भी ऐसा महसूस हो रहा था कि हमारे बच्चे जो कि अपने जीवन की उड़ान पर चले हैं, जिनके पंख अभी धीरे-धीरे खुल रहे हैं,के लिये लगातार ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं।पटना पहुँचने पर बच्चों को ऐसा महसूस होने लगा कि वे लोग महासमुद्र में गोता लगाने को निकल पड़े हैं।इसके बाद लगातार इन लोगों ने पटना तक की आनंददायक यात्रा की और रात में पटना में जो ठहरने की व्यवस्था की गई,उसकी फुर्र- फुर्राहट ने मानों इन लोगों को एक नई दुनियाँ में कदम रखकर उड़ने के लिये उत्प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाने का प्रयास किया।पटना में तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विद्यालय प्रधान का प्रयास रहा कि इन बच्चों को लगातार प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाय,जिनको प्रोत्साहित किया गया।शाम के समय पटना प्रवास के दौरान बिहार के सभी जिलों से जिसमें पहुँचे हुये बच्चे-बच्चियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया।इसके साथ ही बाँका जिले की लड़कियों ने सुगम संगीत के क्षेत्र में बिहार में तृतीय स्थान प्राप्त कर जबर्दस्त उड़ान भरने की कोशिश की है जो आने वाले में इस बात के लिये इनको प्रेरित करने का प्रयास किया है कि"हम होंगे कामयाब,हम होंगे कामयाब,हम होंगे कामयाब एक दिन।मन में है विश्वास पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन" के साथ दुनियाँ की बेहतरीन और लंबी उड़ान पर उड़ने को तैयार हैं।
आलेख साभार-श्री विमल कुमार "विनोद"
प्रभारी प्रधानाध्यापक राज्य संपोषित उच्च विद्यालय पंजवारा, बांका(बिहार)

No comments:
Post a Comment