प्रकृति के जीवंत देवता- भारतीय किसान -श्री विमल कुमार"विनोद" - Teachers of Bihar

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Thursday, 17 November 2022

प्रकृति के जीवंत देवता- भारतीय किसान -श्री विमल कुमार"विनोद"

मंगलम् भगवान विष्णु,मंगलम्

     गरूड़ध्वज।

मंगलम् पुंडरीकाक्ष,मंगलाय  

       तनोहरि।

वैदिक मंत्र जो कि "अथर्ववेद"से लिया गया है।किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले प्रार्थी अपने आवाहित देवता के प्रार्थना करने के समय प्रथम पूज्य देवता विघ्न विनाशक श्री गणेश जी का आवाह्न किया जाता है,तदोपरान्त सभी का मंगल सभी को सुख, समृद्धि,यश,कीर्ति,आयु प्राप्त करने के लिये अभिमंत्रित किया जाता है।

हे भगवान विष्णु,पालनकर्ता आप सभी को मंगल करें।हे भगवान विष्णु जो आप गरूड़ पर विराजमान है,वायु मार्ग में गमन करते हुये,सभी का मंगल करें।

हे भगवान विष्णु आप राजा पुण्डरीक के रूप में अपने सभी प्रजा को सुख ही सुख प्रदान करने वाले हैं और साक्षात हरि के रूप में इस सृष्टि के चराचर जगत में रहने वाले या पाये जाने वाले स्थूल, सूक्ष्म एवं कारण शरीर में सभी जीवों के पालन-पोषण कर्ता हैं।अतः हम सभी के उपर आपकी कृपा हो या आप अपनी कृपा से अनुग्रहीत करें।

मेरा यह आलेख "प्रकृति के जीवंत देवता-भारतीय किसान" को इसी श्लोक पर आधारित करके लिखने का प्रयास किया जा रहा है। मंगलम् भगवान विष्णु-जैसा कि सभी लोग जानते है कि इस चराचर जगत में "ब्रह्मा,विष्णु और महेश तीन प्रमुख देव हैं, जिसमें विष्णु जो कि पालन कर्ता है,जिसका रूप इस पृथ्वी में किसान के रूप में देखा जाता है।किसान पूरी श्रद्धा,कर्म,विश्वास, बल के साथ खेतों में बीज बोते हैं तथा श्रद्धा भक्ति के साथ फसल की उपज करके प्रत्येक जीव को खिलाने का प्रयास करते हैं, जिससे कि शक्ति की प्राप्ति होती है।उदाहरण के लिये जब किसान यह कहता है कि इस फसल को मैंने बेचने के लिये उपजाया है तो उसके खाने से लोगों को कम शक्ति की प्राप्ति होगी।

मंगलम् गरूड़ध्वज-पृथ्वी के साक्षात देवता किसान जो कि मंगलम् गरूड़ पर आसन्न हैं,जो सब जगह विचरण करते हैं अर्थात किसान हवा,वायु के थपेड़े,ठंड,भीषण गर्मी को सहकर जो फसल लगाता है,वह गरूड़ के समान है।

मंगलम् पुण्डरीकाक्ष-भारतीय किसान लोगों की सुख शांति के लिये "राजा पुण्डरीक"की तरह अपने खेतों में तरह-तरह के अनाज का उत्पादन करके लोगों को भोजन प्रदान करते हैं।

मंगलाय तनोहरि- किसान इस पृथ्वी में भगवान विष्णु के साक्षात अवतार हैं,जो कि वास्तव में पोषण कर्ता हैं,इसलिये हम सबों को किसान की पूजा करनी चाहिये क्योंकि किसान के बिना इस पृथ्वी में किसी भी जीव को अन्न मिल पाना आसान नहीं है।

अंत में,इस आलेख के लेखक श्री विमल कुमार"विनोद" का मानना है कि"प्रकृति के जीवंत देवता- भारतीय किसान",फिर भी आज किसानों की स्थिति समय, परिस्थिति तथा प्रकृति के जलवायु तथा बदलते हुये मौसम का एक खिलौना मात्र है।इसके बाबजूद भी इस पृथ्वी के पालनहार(विष्णु)के रूप में  अवतरित किसान दिन-रात मेहनत करके इस चराचर जगत का पालन करने का प्रयास करते हैं।

आइये हम सभी मिलकर किसान की आर्थिक,सामाजिक,शैक्षणिक, स्थिति के विकास की बात सोचते हुये सबों का मंगल करनेवाले किसान के मंगलमय जीवन की कामना करें।


आलेख साभार-श्री विमल कुमार

"विनोद"प्रभारी प्रधानाध्यापक राज्य संपोषित उच्च विद्यालय

पंजवारा,बाँका(बिहार)।

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