प्राणदायक आक्सीजन और भरपूर आक्सीजन देने वाले पेड़ों की उपादेयता- सुरेश कुमार गौरव - Teachers of Bihar

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Wednesday 1 February 2023

प्राणदायक आक्सीजन और भरपूर आक्सीजन देने वाले पेड़ों की उपादेयता- सुरेश कुमार गौरव

हम सब शायद ही कोरोना काल की भयाभयता को कभी भूल पाएंगें। अभी भी कोरोना का वैरिएंट आ और जा रहे हैं। इस वैश्विक महामारी ने आक्सीजन की महत्ता को सबके सामने लाकर रख दिया। आक्सीजन की कमी से न जाने कितने काल के गाल में समा गए। भारत व विश्व में ऑक्‍सीजन की कमी कई मरीजों की मौत की वजह भी बनी  है। जर्मनी से मोबाइल ऑक्‍सीजन प्‍लांट्स को एयरलिफ्ट करने और फाइटर जेट की टेक्‍नोलॉजी की मदद से ऑक्‍सीजन बनाने की वर्तमान समय में बात होने लगी। तो आखिर यह नौबत ही आई क्यों हम जरा इस पर गंभीरता से विचार कर लें तो बेहतर होगा।

पर्यावरण विज्ञान में बहुत सारे पेड़-पौधे हैं जो हम जीव-जंतुओं के द्वारा छोड़े गए कार्बन डाई आक्साइड को ग्रहण करते हैं और उनके द्वारा आक्सीजन छोड़े जाते हैं जो हम जीवों के लिए प्राण वायु है। लेकिन हम पेड़ पौधे का उचित संरक्षण नहीं कर पाते हैं जिसके चलते वातावरण में आक्सीजन की कमी होने लगती है। जिसका खामियाजा हम मानवों को भी भुगतना पड़ता है। आईए हम कुछ उन अति महत्वपूर्ण पेड़ों की बात करते हैं जो सबसे अधिक आक्सीजन छोड़ते अथवा देते हैं:

मुद्दा यह है कि  वातावरण में कितनी मात्रा में ऑक्‍सीजन है। हमसब जानते हैं कि हवा गैसों का मिश्रण है इसमें आक्सीजन की मात्रा 21प्रतिशत है। आज आक्सीजन शब्द इसलिए भी लोगों की जुबान पर हैं कि कोरोना काल में मरीजों की जिंदगी के लिए यह एक प्रमुख वजह भी बनी है।

 पर्यावरण के लिए पीपल का पेड़,बरगद,नीम, अशोक,अर्जुन जामुन का पेड़ वरदान की तरह है। इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य पेड़ लाभकारी नहीं हैं। सभी पेड़ लाभप्रद होते हैं लेकिन यहां जिन पेड़ों की चर्चा की जा रही हैं। इसकी विशिष्टता अन्य पेड़ो से अलग हैं।

पीपल का पेड़ हिंदु धर्म में पीपल तो बौद्ध धर्म में इसे बोधी बृक्ष भी कहते हैं। इसी पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध को वोधिसत्व(ज्ञान की प्राप्ति) हुई थी। पीपल का पेड़ 60 से 80 फीट तक लंबा हो सकता है। यह पेड़ सबसे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन देता है। इसलिए पर्यावरणविद पीपल का पेड़ लगाने के लिए बार-बार कहते हैं।

बरगद के पेड़ को भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष भी कहते हैं. इसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र भी माना जाता है। बरगद का पेड़ बहुत लंबा हो सकता है और यह पेड़ कितनी ऑक्‍सीजन उत्‍पादित करता है ये उसकी छाया कितनी है, इस पर निर्भर करता है।

नीम का पेड़ के बहुत से फायदे हैं, नीम का पेड़। इस पेड़ को एक एवरग्रीन पेड़ कहा जाता है और पर्यावरणविदों की मानें तो यह एक नैचुरल एयर प्‍यूरीफायर है। ये पेड़ प्रदूषित गैसों जैसे कार्बन डाई ऑक्‍साइड, सल्‍फर और नाइट्रोजन को हवा से ग्रहण करके पर्यावरण में ऑक्‍सीजन को छोड़ता है। इसकी पत्तियों की संरचना ऐसी होती है कि ये बड़ी मात्रा में ऑक्‍सीजन उत्‍पादित कर सकता है। ऐसे में हमेशा ज्‍यादा से ज्‍यादा नीम के पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है। इससे आसपास की हवा हमेशा शुद्ध रहती है।

अशोक का पेड़  न सिर्फ ऑक्‍सीजन उत्‍पादित करता है बल्कि इसके फूल पर्यावरण को सुंगधित रखते हैं और उसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। यह एक छोटा सा पेड़ लेकिन लंबा होता है जिसकी जड़ और तना एकदम सीधी होती है।

 पर्यावरणविदों के अनुसार-  अशोक के पेड़ को लगाने से न केवल वातावरण शुद्ध रहता है बल्कि उसकी शोभा भी बढ़ती है। घर में अशोक का पेड़ हर बीमारी को दूर रखता है। ये पेड़ जहरीली गैसों के अलावा हवा के दूसरे दूषित कणों को भी सोख लेता है।

अर्जुन का पेड़ अर्जुन के पेड़ हमेशा हरा-भरा रहता है। इसके बहुत से आर्युवेदिक फायदे हैं। इस पेड़ का धार्मिक महत्‍व भी बहुत है और कहते हैं कि ये माता सीता का पसंदीदा पेड़ था। हवा से कार्बन डाई ऑक्‍साइड और दूषित गैसों को सोख कर ये उन्‍हें ऑक्‍सीजन में बदल देता है।

जामुन का पेड़ भारतीय अध्‍यात्मिक कथाओं में भारत को जंबूद्वीप यानी जामुन की धरती के तौर पर भी कहा गया है। जामुन का पेड़ 50 से 100 फीट तक लंबा हो सकता है। इसके फल के अलावा यह पेड़ सल्‍फर ऑक्‍साइड और नाइट्रोजन जैसी जहरीली गैसों को हवा से सोख लेता है। इसके अलावा कई दूषित कणों को भी जामुन का पेड़ ग्रहण करता है।

 विशेषज्ञों के अनुसार इस समय जब कोविड-19 से ऑक्‍सीजन का संकट पैदा हो गया। तो सोशल मीडिया से लेकर हर जगह पर पेड़ लगाने की बातें भी होने लगी । पेड़ों को धरती पर ऑक्‍सीजन का सबसे बड़ा और इकलौता साधन श्रोत माना जाता है। इसीलिए लोगों ने अगर हमने ज्‍यादा से ज्‍यादा से पेड़ लगाए होते तो शायद ऑक्‍सीजन की इतनी कमी नहीं होती। और आक्सीजंन के बिना कोरोना मरीज दम नहीं तोड़ रहे होते।

जब तक पर्यावरण में ऑक्‍सीजन नहीं होगी हम  किसी भी प्‍लांट में जरूरत के लिए ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन नहीं कर सकते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम पेड़ों को लगाने पर जोर दें। क्योंकि ऐसे पेड़ सबसे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन पैदा करते हैं।

विभिन्न श्रोतों पर आधारित आलेख तैयार किए गए हैं।




आलेखकर्ता : सुरेश कुमार गौरव,शिक्षक,पटना (बिहा
र)

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