वृक्ष ही जीवन है- श्री विमल कुमार 'विनोद' - Teachers of Bihar

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Friday 17 February 2023

वृक्ष ही जीवन है- श्री विमल कुमार 'विनोद'


ईश्वर ने लोगों को जीवन जीने के लिये असंख्य जीव-जंतु,पेड़-पौधे,नदी,सरोवर,कूप,झील,झरना आदि संसाधन प्रदान किये हैं।इन संसाधनों में वृक्ष हमारे जीवन के लिये बहुत आवश्यक है।

वृक्ष हमारे जीवन के लिये बहुत आवश्यक है क्योंकि वृक्ष ही हमारे लिये जीवन जीने का एक प्रमुख संसाधन है। वृक्ष लगाने के लिये "वन,पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन विभाग भारत सरकार के द्वारा जुलाई, अगस्त के महीने में संपूर्ण भारत वर्ष में वन महोत्सव मनाया जाता है जिसका मुख्य स्लोगन है"वृक्ष का अर्थ है जल,जल का अर्थ है रोटी और रोटी ही जीवन है"। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वृक्ष लगाने से वर्षा होगी और वर्षा होने से कृषि होगी तथा कृषि होने से फसल होगा।इस प्रकार वर्षा होने से तथा फसलों के उत्पादन होने से लोगों का जीवन जीना संभव हो पायेगा।इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि पर्यावरण में जीवों के जीवित रहने के लिये वृक्षों का बहुत बड़ा योगदान है।

   वन प्रबंधन के अंतर्गत कहा जा सकता है कि एक व्यक्ति सोचता है कि वृक्ष हमें ऑक्सीजन देते हैं,छाया प्रदान करते हैं,सुन्दर-सुन्दर  फल देते हैं,जलवाष्प देते हैं,वर्षा के लिये बादल को अपनी ओर आकर्षित करने के साथ-साथ भू-जल को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वृक्ष मनुष्य के लिये हितकारी है।वृक्ष लोगों के लिये जीवनदायिनी हैं।वृक्ष लोगों को जीवन जीने के लिये तुलसी,नीम,अर्जुन,पीपल,बट, हरजोरा,मोथा,केसर,चंदन इत्यादि बहुत आवश्यक पौधा प्रदान करते हैं।पर्यावरण विज्ञान का मानना है तलसी को स्नान करके जल देते समय उस होकर जो सूर्य की किरण पार करती है तो उससे संपूर्ण शरीर का रीचार्ज हो जाता है। धर्म शास्त्र के अनुसार एक वृक्ष को लगाना सौ पुत्रों के समान होता है।पौराणिक कथा से पता चलता है कि सत्यवान के प्राण को जब यमराज लेकर जा रहे थे तो सावित्री सत्यवान के मृत शरीर को वट वृक्ष के नीचेअपनी गोद में लेकर हठ धर्मिता करने लगी तब उसके प्राण को पुनः ईश्वर को वापस लौटाना पड़ा।

वृक्ष मनुष्य को उसके एक सच्चे मित्र के रूप में मिले हैं,क्योंकि वृक्ष लोगों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं।जैसा कि वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का कहना है कि आप अपके अपने निजी भूमि पर भी सरकार वृक्षारोपण करने के लिये आर्थिक सहायता देती है ,लेकिन सरकार का कहना है कि जब वृक्ष परिपक्व हो जायेंगे तो वृक्ष के मालिक उसको सरकार से आदेश लेकर काट सकते हैं।साथ ही यदि आप अपनी बेटी के जन्म दिन पर  कम-से-कम दस वृक्ष लगा देते हैं तो वह अठारह वर्ष होते-होते आपकी बेटी की शादी में सहयोग करने वाला सबसे सच्चा मित्र सिद्ध होगा।

वृक्ष कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करते हैं तथा ऑक्सीजन छोड़ते हैं,जिसे मनुष्य तथा अन्य जीव-जंतु श्वसन क्रिया के द्वारा प्राप्त करते हैं,जिसके बिना लोगों का जीवन जीना दूभर सा हो जायेगा।

इसी संदर्भ में कहा गया है कि"नित-नित होती सांसे कम,आओ

लगाये वृक्ष हम"।इस प्रकार वृक्ष के बिना जीवन जीना मुश्किल है।

पर्यावरण विज्ञान का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के सोलह संस्कार के लिये सोलह वृक्ष को लगाना चाहिये,क्योंकि यह जीवन जीने के लिये आवश्यक है।इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वृक्ष जीवन के लिये आवश्यक है ,क्योंकि वृक्ष के बिना जीवन जीना मुश्किल है।इसलिये वृक्ष लगाने का प्रयास किया जाना चाहिये।


आलेख साभार-श्री विमल कुमार 'विनोद' भलसुंधिया,गोड्डा(झारखंड)

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