संघर्षों के बाद मिले श्रमिकों के अधिकार-सुरेश कुमार गौरव - Teachers of Bihar

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Monday, 1 May 2023

संघर्षों के बाद मिले श्रमिकों के अधिकार-सुरेश कुमार गौरव

आज 1 मई है और आज के दिन अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है।

 हर साल आज के दिन यानी 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे श्रम दिवस, श्रमिक दिवस या मई दिवस भी कहा जाता हे। मजदूर दिवस के दिन इनके हक और समाज में इनकी भागीदारी पर बात की जाती है। श्रमिक दिवस के दिन दुनिया भर में मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाई जाती है। ये दिन पूरी तरह मजदूरों को समर्पित है। 1 मई को अधिकतर देशों में राष्ट्रीय अवकाश होता है। मजदूर दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार 1 मई को 1886 में मनाया गया था। वहीं भारत की बात करें तो,भारत में श्रमिक दिवस पहली बार 1 मई 1923 को मनाया गया था।

1 मई 1886 को अमेरिका की मजदूर यूनियनों ने काम के 8 घंटे से अधिक ना रखने को लेकर देशव्यापी हड़ताल की थी। हजारों की संख्या में मजदूर सड़कों पर उतर आए थे। ये मजदूर 10 से 15 घंटे काम कराए जाने को लेकर विरोध कर रहे थे। इन लोगों की मांग थी कि काम के घंटे को 8 घंटे निर्धारित कर देनी चाहिए। हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में एक बड़ा बम धमाका हुआ था। हालांकि ये धमाका किसने किया इसका तो पता नहीं चल पाया लेकिन इसके बाद पुलिस ने मजदूरों पर फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई थी।

 इसके बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में यह घोषणा किया गया था कि 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा और इस दिन सभी मजदूरों को काम से अवकाश भी दिये जाने की घोषणा हुई। अमेरिका सहित कई देशों ने भी ये घोषणा की कि 8 घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया है। इसके बाद से हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है. मौजूदा समय भारत समेच अन्य कई देशों में मजदूरों के 8 घंटे कार्य निर्धारित हैं।

भारत में मजदूर दिवस पहली बार 1 मई 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। भारत में इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने की थी और 1म ई 1923को मद्रास वर्तमान चेन्नई में मनाया गया था। सिंगरावेलू चेट्यार की अध्यक्षता में मद्रास हाई कोर्ट सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया गया और यह संकल्प लिया गया कि ये मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। इसके बाद से ही भारत में एक संकल्प के पास करके यह सहमति बनाई गई कि इस दिवस को भारत में श्रमिक दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। उस वक्त से हर साल देशभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है।

 महात्मा गांधी का कहना था कि किसी भी देश की तरक्की उस देश के मजदूरों और किसानों पर निर्भर करती है। ये दिन उन लोगों के नाम समर्पित है, जिन्होंने देश और दुनिया के निर्माण में कड़ी मेहनत कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश, समाज, संस्था और उद्योग में सबसे ज्यादा योगदान कामगारों, मजदूरों और मेहनतकशों का योगदान होता है। श्रमिक दिवस की सभी श्रमजीवियों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।



✍️सुरेश कुमार गौरव,शिक्षक उ.म.वि.रसलपुर,फतुहा (पटना)


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