रक्षाबंधन के वचन - कुमार संदीप - Teachers of Bihar

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Wednesday 30 August 2023

रक्षाबंधन के वचन - कुमार संदीप

 भाई को अपनी बहन को और बहन को अपने भाई को रक्षाबंधन के दिन देना चाहिए ये वचन


बहन और भाई के बीच के पवित्र और पावन रिश्ते का नाम है रक्षाबंधन। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें विश्वास है, समर्पण है, अपनत्व का समावेश है। भाई की कलाई पर रक्षा का सूत्र बांधकर बहन ना केवल भाई का बल्कि अपने परिवार के मंगल भविष्य की भी कामना करती है। भाई की आयु लंबी हो, भाई अपने कार्य क्षेत्र में सदा सफलता, यश अर्जित करे यही एक बहन की मन की ख्वाहिश होती है इस दिन, या यूं कहूं हर दिन। 


रक्षाबंधन के दिन एक बहन अपने भाई से उपहार में कुछ ले या ना ले पर अपने भाई को ये वचन उसे अवश्य पूर्ण करना चाहिए-


१)बहन दे तू वचन कि तू हमेशा रखेगी याद अपने भाई को, देगी साथ अपने भाई का सदा।

२)बहन दे तू वचन कि जहाँ तू जाएगी वहाँ परिवार में सबको एकता का अध्याय पढ़ाएगी। कदापि परिवार में बँटवारे की गंध तक ना देगी।

३)बहन दे तू वचन कि अपनी माँ की तरह अपनी सासु माँ का करेगी मान सम्मान और अपने पिता की तरह करेगी तू अपने ससुर जी का मान।

४)बहन दे तू वचन कि जब तक है तू घर में खुलकर जीएगी कभी भी कोई भी गम मन ही मन ख़ुद ही तू ना सहेगी।

५)बहन दे तू वचन कि अपने भाई की भाँति तू करेगी हर पुरुष का सम्मान।


रक्षाबंधन के दिन एक भाई उपहार में कुछ दे अपनी बहन को अथवा नहीं पर बहन को ये वचन देना चाहिए हर भाई को-


१)बहन देता हूँ वचन जब भी तुम्हारे ऊपर आएगी विपत्ति कोई मैं रहूंगा खड़ा तुम्हारी मदद हेतु उस क्षण।

२)बहन देता हूँ वचन तुम जब ना रहोगी चली जाओगी ससुराल तब भी मैं माता-पिता का रखूंगा पूरा ख्याल।

३)बहन जानता हूँ है तुम्हारे मन में यह बात कि पता नहीं रखूंगा या नहीं मैं परिवार का ख्याल? पर बहन तू निश्चिंत रहना मैं मानूंगा माता-पिता का हर कहना। देता हूँ वचन तुम्हें।

४)बहन देता हूँ वचन जिस मान सम्मान की दृष्टि से देखता हूं मैं तुम्हें उस दृष्टि से देखूंगा दुनिया की हर बहन को।

५)बहन देता हूँ वचन करूंगा हर संभव प्रयत्न तुम्हारे हृदय में असीमित खुशियाँ भरने का सदा।


जब इस तरह भाई अपनी बहन को और बहन अपने भाई को इन वचनों को निभाने का वायदा करते हुए रक्षाबंधन मनाएंगे तो सचमुच हर घर में रामायण जैसा महौल व्याप्त हो जाएगा, हर घर की दिवारों पर ख़ुशियाँ की धूप खिलेगी।।


 


लेखक:कुमार संदीप

ग्राम:सिमरा, प्रखंड:बंदरा, जिला-मुजफ्फरपुर, राज्य:बिहार

अणुडाक: worldsandeepmishra002@gmail.com

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