कथाकार रेणू जी - अरविंद कुमार - Teachers of Bihar

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Monday 4 March 2024

कथाकार रेणू जी - अरविंद कुमार

" धरती नही, धरती की लाश, जिस पर कफन की तरह फैली हुई है बालूचरों की पंक्तियाँ "।*


*प्रसिद्ध कथाकार रेणू जी की उपन्यास परती परिकथा का ये संवाद जहां किसानों तथा बंजर जमीनों के बीच लकीर पीटती आम लोगों की समस्याओं का बखान करती है.........*.  

             *वही उनकी कहानी ठेस बंधुवा मजदूर सिरचन के स्वाभिमान को बयां करती है*।

             *हाल ही में रूपहले पर्दे पर आई रेणू जी की आंचलिक कहानी पंचलाइट पर आधारित फिल्म पंचलेट की नायिका मुनरी का गोधन के प्रति अगाध प्रेम व आत्मविश्वास हो*.............

                 *या फिर बगैर नायक या प्रमुख पात्रों को केन्द्र में रखे बगैर लिखी गई , अन्तरराष्ट्रीय उपन्यास मैला - आँचल तथा परती परिकथा जैसी कहानियां* ,  


*इन कहानियों के जरिए रेणु जी ने साबित किया , साहित्य समाज का वास्तविक दर्पण होता है* ।


*रेणु जी ने अपनी धारदार कलम के बल पर फिल्म जगत को बेहतरीन फिल्म तीसरी कसम दी , प्रेम व विरह को खूद में समेटती इस ऐतिहासिक फिल्म ने अररिया सहित पूरे सीमांचल के साथ-साथ बिहार को राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान दिया* .... ।


*स्वतंत्रता के आन्दोलन से लेकर सामाजिक क्रान्ति , रूठिवादिता के विरुद्ध आंदोलन या अंधविश्वास के खिलाफ क्रान्ति में हमेशा कलम के जरिए साहित्य की सेवा करने वाले महान कथा सम्राट पद्मश्री फणीश्वर नाथ रेणु जी को उनके जन्म दिवस पर ...*

           *रेणू साहित्य मंच , भरगामा व तमाम शिक्षक भाई-बहनों के तरफ से सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं* ।

 



अरविंद कुमार ,भरगामा अररिया की कलम से

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