आज़ादी के मायने - नेहा चंदन - Teachers of Bihar

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Wednesday 14 August 2024

आज़ादी के मायने - नेहा चंदन


स्वतंत्रता दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इसे हम आजादी के रूप में मनाते हैं। हमसब अंग्रेजों से आजाद होकर आज आजादी की जिंदगी जी रहे हैं। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या हम इतने स्वतंत्र हैं कि हम कुछ भी कर सकते है। नहीं, क्यों ?

         हम सब आजाद इसलिए हैं कि हम वो कर सकें जो हमारे समाज, हमारे परिवार और खुद हमारे लिए अच्छा हो। हम आजाद जरूर हैं लेकिन आजादी के सही मायने का हमें पता होना चाहिए। जितने हम मानव आजाद है उतनी ही ज़रूरी आजादी है जानवरों को, जीवों को और प्रकृति को भी। हमें हर किसी के साथ आजादी को समान रूप से बताना चाहिए और न ही किसी से कोई भेदभाव करनी चाहिए।

       आज हम सब आज़ाद हैं। आज हमें उन वीरों, शहीदों आदि की शुक्रिया अदा करनी चाहिए जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। हम उन वीर सपूतों को सलाम करते हैं जिन्होंने सबसे पहले अपने देश के बारे में सोचा, अपनी आहुति दी। क्या हमारा भी कोई फर्ज बनता है अपने देश के प्रति? ये सवाल आप खुद से पूछें। बिलकुल बनता है। हम अपने देश के लिए कुछ न कुछ तो कर ही सकते हैं। देश के योगदान में हम सबको मिलकर एक मिसाल पेश करनी चाहिए। सबको बताना चाहिए कि हम भारतीय आज भी वही जज्बा, वही जोश और वही उम्मीद अपने सीने में रखते हैं, जो 1947 में सबके दिल में था। हम अपने वीर शहीदों के उस त्याग को नहीं भूल सकते जब कई माताओं की गोद सूनी हो गईं थी। कई परिवार बिखर गए थे।

आज भी बॉर्डर पर सैनिक अपना परिवार छोड़कर सिर्फ हमारे लिए वहाँ डटकर खड़े हैं ताकि कोई भी दुश्मन हमारी धरती, हमारे देश पर नजर उठाकर न देख सके। अगर किसी ने थोड़ी भी हिम्मत की तो हमारे सैनिक उसकी आँखें नोच लेंगे। उसके चिथड़े-चिथड़े कर देंगे। अतः हमें अपनी मातृभूमि से प्यार रखना चाहिए। कहा गया है- " जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं।

वो हृदय नहीं, पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।।"

      तो आएँ! हमसब मिलकर आज एक शपथ लेते हैं कि हम भारत के लोग अपने देश के लिए जो हितकर एवम् इसके लिए हमारा जो भी दायित्व है हम उसे पूरा करेंगे। अपने देश की रक्षा करना हमारा फर्ज है ,अपनी धरती माँ के दूध का कर्ज उतारना हमारा स्वाभिमान है। हम जीते है अपने देश भारत के लिए और मर मिटेंगे अपने देश की रक्षा के लिए। यही संकल्प आज हम लेते हैं।


हमारा देश, यहाँ की भूमि।

प्यारी भूमि, सुंदर कर्मभूमि।

जय हिंद! जय भारत! भारत माता की जय!


नेहा चंदन 'शिक्षिका'

मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज, भाग

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