आजादी के मायने - आशीष कुमार - Teachers of Bihar

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Wednesday 14 August 2024

आजादी के मायने - आशीष कुमार

देश की आजादी से मतलब है लोगों की आजादी। आजाद भारत आज गरीब लोगों का अमीर देश है । आजादी ने साम्राज्यवादी अंग्रेजों को खदेड़कर हमारे संसाधनों पर भारत के लोगों का हक कायम किया परंतु हम क्या देख रहे हैं कि आज भी उन संसाधनों पर कुछ मुट्ठी भर लोगों का ही अधिकार है। आज भी लोगों में घोर आर्थिक विषमताएँ है जो बढ़ती ही जा रही हैं। देश की बहुतायत जनता गुरबत में व बदहाली में जी रहे हैं।

हमारे देश ने आजादी एक लंबे स्वतंत्रता आंदोलन के बाद हासिल की। स्वाधीनता आंदोलन अपने आप में बलिदानों की गाथा है जिसमें सब लोग अपनी धार्मिक , जातीय व प्रांतीय पहचान छोड़कर साम्राज्यवादी शासक के खिलाफ उठ खड़े हुए। लोगों का एक सपना था कि आजादी के बाद उनका अपना राज होगा, वह अपनी सरकार चुनेंगे जो जनता को अशिक्षा , बदहाली व मोहताजी से छुटकारा दिलाएगी तथा सभी भारतीय सम्मान के साथ देश का निर्माण करेंगे।

लोगों के लिए आजादी के मायने ही थे कि सब बराबर होंगे , न कोई राज करने वाला , न कोई गुलाम , न कोई श्रेष्ठ , न कोई नीच। लोगों का यह सपना केवल राजनीतिक ऊँच- नीच से ही संबंधित नही था बल्कि लोग आर्थिक तथा सामाजिक समानता भी चाहते थे। आजादी के बाद लोगों के इन्हीं सपनों को साकार करने के लिए एक नींव रखी। हमारे संविधान ने जिसने सबको बराबर वोट का अधिकार दिया। आज जब हम आजादी दिवस मना रहे हैं , जब सब जगह देशप्रेम हिलोरे मार रहा है , ऐसे में आम जन के लिए आजादी के क्या मायने है, इस पर तार्किक विचार करना , शायद कुछ लोगों को देश - विरोधी लगे पर इस प्रश्न से हम बच नही सकते हैं।

आम इंसान के लिए आजादी का मतलब है कि वह अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सके , अपनी इच्छा के अनुसार अपना भोजन चुन सके, पसंद के अनुसार सिनेमा देख सके तथा अपना पहनावा खुद चुन सके। यह सब अधिकार हमें आजादी के बाद हमारे संविधान ने दिए हैं परंतु वर्तमान में यह सब अधिकार हनन किए जा रहे हैं। विभिन्न तरीकों से आम नागरिक को पाबंद किए जा रहे हैं कि जो काम सीधे उनके जीवन से जुड़ते हैं व जिनका चुनाव उसने अपनी इच्छा व पसंद- नापसंद के आधार पर करना है , यह सब ऊपर थोपा जा रहा है।


आशीष अम्बर 'शिक्षक'

उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी

जिला - दरभंगा, बिहार


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