( स्थापना दिवस विशेष )
" सत्य को भी प्रचार चाहिए अन्यथा उसको मिथ्या मान लिया जाता है" ये प्रसिद्ध युक्ति है प्रसिद्ध साहित्यकार हरिशंकर परसाई जी का इस कथन को आत्मसात करते हुए आज से छह वर्ष पूर्व बिहार के शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक डिजिटल तकनीक पर आधारित एक मंच ने मूर्त रूप लिया जिसका नाम है "टीचर्स ऑफ बिहार "। हम सभी इस तथ्य से वाकिफ हैं कि जब कोई मंच सार्वजनिक रूप से सभी के लिए उपलब्ध होता है तो उसके पीछे आगे की सोच, उस कार्य के प्रति जुनून, कर्मठता,त्याग और एक उज्ज्वल भविष्य की संकल्पना शामिल होती है। अभी तक सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा जो कार्य किया जा रहा था उसका क्षेत्र सीमित था जिसको असीमित बनाया टीचर्स ऑफ बिहार ने। हम सभी शिक्षकों के लिए आधुनिक तकनीक के साथ सामंजस्य स्थापित कर कार्य करना भी एक चुनौती था, लेकिन हम भी शिक्षक हैं इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए आज हम सभी तकनीक के साथ सामंजस्य स्थापित करने में सफल हुए । आज इस मंच के सहायता से बिहार के सरकारी विद्यालयों की सुखद तस्वीर देश-दुनिया में सकारात्मक संदेश को प्रसारित कर रही है । कुछ लोगों के साथ शुरू हुआ ये सोशल मीडिया मंच आज हज़ारों शिक्षकों का समूह बन गया है जो अपने शैक्षिक नवाचारों से लोगों को रुबरु करा रहे हैं । आज ये मंच शैक्षिक नवाचारों का एक शब्दकोश बन गया है। आज इस मंच की सहायता से हम सभी शिक्षक अपनी और बच्चों की क्षमता संवर्धन के साथ-साथ गुणात्मक विकास भी कर रहे हैं। ये समूह एक ऐसा परिवार है जो प्रत्यक्ष रूप से न मिलते हुए भी हमेशा एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है और एक लक्ष्य निर्धारित कर कार्य कर रहा है। इस समूह में आदेश नहीं बल्कि कर्म और कर्तव्य का एक ऐसा महाकुंभ है जहाँ मैं नहीं हम शब्द पर कार्य होता है। आज हम सभी गर्व करते हैं कि इस मंच से जुड़े शिक्षक सरकारी विद्यालयों की बदलती तस्वीरों के साथ राजकीय और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो रहे हैं और इस समूह के उद्देश्यों को सार्थकता प्रदान कर रहे हैं । आज हम सभी शिक्षक इस मिशन पर कार्य कर रहें हैं की विद्यालय समयावधि को कर्म और कर्तव्य द्वारा एक ऐसे गमले का निर्माण करेंगे जिसमें से भविष्य के ऐसे फूल निकलेंगे जिसकी खुशबू सदैव दुनिया को महकाते रहेगी। इस स्थापना दिवस पर हम अपने दो महान विभूति सत्यनारायण साह एवं विजय बहादुर सिंह जी को शत-शत नमन करते हैं ये भले आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन इनके आदर्श और विचार हम सभी को सदैव प्रेरित करते रहेंगे । आइए हम सभी स्थापना दिवस पर ये संकल्प लेते हैं कि एक शिक्षित भविष्य के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करेंगे!
स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
राकेश कुमार
शारीरिक शिक्षक
मध्य विद्यालय बलुआ
मनेर ( पटना )
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