रोजगारोन्मुखी शिक्षा की आवश्यकता और उनका महत्त्व - आशीष अम्बर - Teachers of Bihar

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Sunday, 9 February 2025

रोजगारोन्मुखी शिक्षा की आवश्यकता और उनका महत्त्व - आशीष अम्बर


शिक्षा पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने और न्याय पूर्ण समाज के विकास के साथ-साथ देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत आवश्यकता होती है। रोजगारोन्मुखी शिक्षा वह शिक्षा है , जो छात्रों को शिक्षण संस्थाओं और बाजार में प्रासंगिक कौशल प्रदान करती है, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलती है।


रोजगारोन्मुखी शिक्षा की आवश्यकता क्यों है?

शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नही होना चाहिए बल्कि छात्रों के रोजगार के लिए तैयार करना भी होना चाहिए। शिक्षा का लक्ष्य केवल डिग्रियाँ देना नही होना चाहिए , बल्कि छात्रों को ऐसे कौशल सिखाना चाहिए, जो उन्हें रोजगार पाने में मदद करे।

देखा जाए तो कौशल विकास जमी रोजगार का रास्ता है। साथ ही हमें शिक्षा और प्रौद्योगिकी के बीच मजबूत संबंध स्थापित करना होगा।ताकि छात्रों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा मुहैया कराई जा सके। इसके अतिरिक्त सरकार को रोजगार आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नीतियाँ बनानी चाहिए और विभिन्न कार्यक्रमों को शुरू करना चाहिए।


रोजगारोन्मुखी शिक्षा की आवश्यकता इन बिंदुओं से समझी जा सकती है ---


०१. बढ़ती बेरोजगारी :- भारत में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। रोजगारोन्मुखी शिक्षा युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करके इस समस्या का समाधान कर सकती है।


०२. कौशल का अभाव :- भारतीय शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से सैद्धांतिक ज्ञान पर केंद्रित है, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों में व्यावहारिक कौशल का अभाव होता है। रोजगारोन्मुखी शिक्षा इस कमी को दूर कर सकती है।


०३. बदलता रोजगार का परिदृश्य :- आजकल रोजगार का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। नई प्रौद्योगिकी का उदय और वैश्वीकरण ने कौशल की माँग में बदलाव ला दिया है। इस प्रकार की शिक्षा छात्रों को इन बदलावों के लिए तैयार कर सकती है।


०४. आर्थिक विकास :- कुशल कार्यबल किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। कुशल कार्यबल का निर्माण करके देश के आर्थिक विकास में योगदान दिया जा सकता है।


०५. आत्मनिर्भरता :- रोजगारोन्मुखी शिक्षा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाती है। जब युवा अपने पैरों पर खड़े होते हैं, तो वे समाज के लिए उपयोगी सदस्य बन जाते हैं।


रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय एवं इनके लाभ :- 


०१. शैक्षणिक संस्थानों में सुधार :- शैक्षणिक संस्थानों में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को अपनाना चाहिए।


०२. कौशल विकास कार्यक्रम :- सरकार को कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए।


०३. उद्योगों के साथ सहयोग :- शैक्षणिक संस्थानों को उद्योगों के साथ सहयोग करना चाहिए।


०४. छात्रों को प्रेरित करना:- छात्रों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा के महत्त्व के बारे में जागरूक करना चाहिए।

 

रोजगारोन्मुखी शिक्षा के लाभ :- 


०१. रोजगार के अवसर :- रोजगारोन्मुखी शिक्षा छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है तथा छात्रों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है।


०२. आर्थिक विकास :- रोजगारोन्मुखी शिक्षा देश के आर्थिक विकास में योगदान देती है।


०३. सामाजिक विकास :- रोजगारोन्मुखी शिक्षा सामाजिक विकास में योगदान देती है।


निष्कर्ष यह निकलता है कि भारतीय परिदृश्य में रोजगारोन्मुखी शिक्षा की आवश्यकता अति महत्वपूर्ण है। ऐसी शिक्षा युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करके, देश के आर्थिक विकास में योगदान दे सकती है और सामाजिक समस्याओं के समाधान में अपनी महती भूमिका निभा सकती है।



आशीष अम्बर 

'शिक्षक'

उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी

प्रखंड - केवटी

जिला - दरभंगा

बिहार

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