विज्ञान बनाए जीवन आसान -आशीष अम्बर - Teachers of Bihar

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Friday, 28 February 2025

विज्ञान बनाए जीवन आसान -आशीष अम्बर


प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाया जाता है । पहली बार यह 28 फरवरी 1987 को आयोजित किया गया था। 1920 के दशक में एक बार जब महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन जहाज से भारत लौट रहे थे तो उन्होंने भूमध्य सागर के जल में अनोखा नीला और दूध जैसा धवल सफेद रंग देखा, कोलकाता पहुँच कर उन्होंने पृथ्वी से उत्पन्न वस्तुओं में प्रकाश के बिखरने का नियमित अध्ययन शुरू किया। सात वर्ष के अध्ययन के बाद उनकी यह खोज " रमन प्रभाव " के रूप में पूर्ण हुई। प्रकाश तरंगों पर अपनी शोधपूर्ण खोज जिसे " रमन प्रभाव " ( रमन इफेक्ट) कहा जाता है कि घोषणा उन्होंने 28 फरवरी 1928 ई . को की थी। उनके इस शोध पूर्ण कार्य हेतु उन्हें 1930 ई . में भौतिक का नोबल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।


राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य :- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य स्कूलों, कॉलेज के छात्रों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों की भागीदारी के लिए एक मंच प्रदान करना है। जहाँ से उनकी प्रतिभा (वैज्ञानिक) और वैज्ञानिक सोच के साथ नए आकाश की उड़ान भर सके। हर वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन विज्ञान महोत्सव के रूप में किया जाता है जिसमें नए वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को अपने करियर को आगे बढ़ाने और उन्हें सही दिशा देने के लिए उपयुक्त मंच उपलब्ध कराया जाता है। इस महोत्सव में नए और उभरते वैज्ञानिक टैलेंट को पहचानने और उन्हें प्रमाणित करने के लिए देश के लब्ध प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों की भागीदारी भी होती है।


विज्ञान और तकनीक की बदौलत ही हमारा दैनिक जीवन भी अत्यंत सहज और सुगम बन सका है। आप जरा सोचें और कल्पना करें कि अगर बिजली न होती , अगर कंप्यूटर न होता , अगर टेलीफोन सेवाएँ न होती और अगर इंटरनेट का प्रचार - प्रसार न हुआ होता तो जीवन - यापन कितना कठिन होता। ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं बल्कि अगर हम कोरोना काल (covid -19) की ही बात करें तो उपर्युक्त साधनों के अभाव में क्या यह संभव था कि हमारी पढ़ाई जारी रहती या सारे कार्यालय सुचारू रूप से संचालित होते रहते। 


राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम :- हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए एक थीम निश्चित की गई है। उसी थीम के आधार पर पूरे वर्ष के कार्यक्रम तय किए जाते है। इस वर्ष 2025 की थीम है -- " विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना।" जैसा कि थीम से पता चलता है कि हमें विज्ञान एवं तकनीक के प्रभाव से अपनी शिक्षा, दक्षता और कार्यों में सकारात्मक बदलाव लाना है।






आशीष अम्बर 

 ( शिक्षक )

उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी

प्रखंड - केवटी

जिला - दरभंगा

बिहार

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