Saturday, 13 September 2025
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समय, अवसर और शक्ति का साझा उपयोग - ओम प्रकाश
समय, अवसर और शक्ति का साझा उपयोग
अक्सर हम सुनते हैं—“अच्छा कल कर लेंगे”, “कुछ दिन बाद कर लेंगे”, या “अभी संसाधन पूरे नहीं हैं”। यह टालमटोल केवल हमें ही नहीं, बल्कि दूसरों को भी पीछे रोक देता है। जब हम किसी काम को रोक देते हैं, तो उसका प्रभाव केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन पर नहीं, बल्कि पूरे समाज की गति पर पड़ता है।
जीवन का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है कि हर काम हर किसी के बस का नहीं होता। जो कार्य हम टालते हैं या हमारे लिए कठिन है, संभव है वही कार्य किसी दूसरे के लिए सरल और स्वाभाविक हो। इसलिए यदि हमें असुविधा है, या हम तैयार नहीं हैं, तो बेहतर है कि हम किसी और को आगे बढ़ने का अवसर दें। हो सकता है वही व्यक्ति वह कर दिखाए जो हमारे लिए असंभव प्रतीत हो रहा था।
यही शक्ति का विकेंद्रीकरण है। जब अवसर और जिम्मेदारियाँ केवल कुछ हाथों में सीमित न रहकर समाज के अन्य हिस्सों में भी पहुँचती हैं, तभी विकास की सच्ची गति मिलती है। समाज और संगठन में नेतृत्व का असली अर्थ यही है कि नेता अकेले सब कुछ करने की कोशिश न करे, बल्कि दूसरों को भी मंच दे, उन पर विश्वास करे और उन्हें अवसर प्रदान करे।
कई बार लोग सोचते हैं कि “यदि मैंने काम किसी और को दे दिया तो मेरी अहमियत कम हो जाएगी।” यह सोच गलत है। दरअसल, किसी को मौका देना अपने प्रभाव को कम करना नहीं, बल्कि उसे बढ़ाना है। क्योंकि जब आप दूसरों को आगे बढ़ाते हैं, तो वे भी आपको मूल्य और सम्मान देते हैं। इससे विश्वास का वातावरण बनता है और सामूहिक शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।
समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ एक व्यक्ति ने मौके बाँटे और परिणामस्वरूप एक बड़ी ताक़त खड़ी हुई। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को मंच देते हैं, तो उनमें से कई महान वैज्ञानिक, लेखक और नेता बनते हैं। संगठन में यदि वरिष्ठ अपने कनिष्ठों पर विश्वास करके कार्य सौंपते हैं, तो संगठन तेज़ी से आगे बढ़ता है।
अवसर को बाँटना ही समय का सबसे अच्छा उपयोग है। क्योंकि समय सीमित है, और यदि हम किसी कार्य को टालते हैं, तो वह समय व्यर्थ चला जाता है। लेकिन वही अवसर यदि किसी और को दिया जाए, तो वही समय एक नई उपलब्धि का कारण बन सकता है।
इसलिए आवश्यक है कि हम न केवल स्वयं काम करें, बल्कि दूसरों को भी मौका दें। विशेष रूप से उन लोगों को जो आवश्यक, ऊर्जावान और उत्साही हैं। उन्हें हिम्मत और मान देना, समाज और संगठन दोनों के लिए लाभकारी है।
अंततः, जीवन का संदेश यही है- यदि अभी आपका समय नहीं है, तो दूसरों को आगे बढ़ाइए। शायद वही सही समय उनका हो। शक्ति का विकेंद्रीकरण कीजिए, लोगों को अवसर दीजिए और सामूहिक प्रयासों को मूल्य दीजिए।
मध्य विद्यालय दोगच्छी, भागलपुर
About शिवेंद्र प्रकाश सुमन
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