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जब से अपनाया नवाचार,
पठन-पाठन हुआ आसान,
व्यक्ति वो हैं कितने महान,
जिसने इसका है किया प्रचार।
इससे जुड़े लाखों-हजार,
होता उपयोग है बार-बार,
उपस्थित है यह घर व द्वार,
अब कोई न पढ़ने में लाचार।
बच्चों ने इसे है अपनाया,
गुरूजन ने जो भी बतलाया,
ज्ञान का भण्डार इसने लाया,
जो नवाचार है कहलाया।
आज इसपर हो टिकी पढ़ाई,
जिससे होगी सबों की बड़ाई,
खर्चीली T L M होगी पराई,
शिक्षा में आएगी गहराई।
शिक्षा विभाग का है कहना,
सभी, नवाचार से जुड़े रहना,
गुरु-शिष्य हो या भाई-बहना,
हो नवाचार सबका गहना।
है सबको इसपर अमल करना,
अशिक्षा से आसान, हो लड़ना
छोड़ो अब महँगे TLM से पढ़ना,
नवाचार से सीखो खुश रहना।
विजय सिंह
मध्य विद्यालय मोती टोला
इस्माईलपुर
भागलपुर
नवाचार के महत्त्व एवं सृजनशीलता को दर्शाता यह कविता।
ReplyDeleteबहुत खूब!
बहुत-बहुत धन्यवाद सर जी! यदि लेखनी की प्रशंसा होती है तो लेखक के अन्दर नए-नए विचार उमड़ने-घुमड़ने लगता है और उसके बाद जो कुछ भी बाहर आता है वह सर्वहितकारी सिद्ध होता है।
DeleteBahut acha Aap mahan hai
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सर जी!
Deleteबेहतरीन।
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