Wednesday, 1 April 2020
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विकल्प और संकल्प--पूजा कुमारी
विकल्प और संकल्प
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कहते हैं--इंसान परिस्थितियों का दास होता है लेकिन क्या ये सच है? इतनी अद्भुत क्षमता और तीक्ष्ण बुद्धि वाला इंसान अगर परिस्थितियों के आगे घुटने टेक कर उसका दास बन जाए तो फिर इन क्षमताओं का क्या अर्थ? फिर प्रकृति के अन्य जीवों और हममें क्या फर्क रह जाएगा?
सही अर्थों में कहा जाए तो, इंसान परिस्थितियों का निर्मिति भी है और निर्माता भी! निर्माता और निर्मिति के इसी सफर के बीच हम अपना जीवन जीते हैं और इसी से तय होता है कि हमारा जीवन कितना सार्थक रहा या निरर्थक! हालात कैसी भी और कितनी भी खराब क्यों न हों, ज़िंदगी हमेशा हमारे लिए विकल्प मौजूद रखती है जिसे मुक्कमल करने के लिए संकल्प की ज़रूरत होती है। हमारे सामने मौजूद विकल्प संकल्प बन पाएगा या नहीं, ये हमारी इच्छाशक्ति और हमारे नज़रिए पर निर्भर करता है। कभी देखा है आपने अमावस की रात ने सुबह के सूरज को निकलने नहीं दिया हो?
हम जो दिल से चाहते हैं वो आसानी से नहीं मिलता क्योंकि उसके लिए कठिन संघर्ष की ज़रूरत होती है लेकिन आसान ज़िंदगी के लिए किसी प्रयत्न की ज़रूरत नहीं होती। आखिर हम इंसान हैं और इंसान होने के नाते हमारी ख्वाहिशें कभी इतनी छोटी तो होंगी नहीं कि पलक झपकते हीं वो पूरी हो जाए। इन ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए हमें परिस्थितियों की जटिलताओं और बाधाओं को पार करना होता है। और अगर हम पूरी ही न कर पाएँ तो वो ख्वाहिशें कैसी ?
प्रकृति की किसी अन्य रचना के साथ Being शब्द नहीं जुड़ा है। केेेेवल इंंसानों के लिए 'Human Being' शब्द का प्रयोग होता है। Being का अर्थ सरल शब्दों में होता है- 'How to Be' मतलब हमें कैसे होना है ? इसका अर्थ यह है कि हम जो भी चाहें वो हो सकते हैं या बन सकते हैं! जब इतना सामर्थ्य/क्षमता प्रकृति हमें दे हींं चुकी है तो क्यों न अपनी कल्पना के श्रेष्ठ इंसान बनें! क्यों न इस लॉकडाउन में खुद की कल्पना के श्रेष्ठ इंसान बनने की यात्रा की शुरुआत की जाए !
स्मरण रहे, इंसान होने से परिस्थितियाँ जन्म लेती हैं, परिस्थितियाँ इंसान को जन्म नहीं देती। परिस्थितियों ने अपने दम पर आज तक किसी भी साहसी इंसान का प्रारब्ध तय नहीं किया है। हमारा मस्तिष्क पाताल की गहनताओं से लेकर समस्त ब्रह्मांड के साक्षात्कार तक की शक्ति रखता है! इसलिए निश्चय हमें करना है कि, "ज़िंदगी सार्थक हो या आसान!"
पूजा कुमारी
म०वि० जितवारपुर
अररिया
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बहुत सुंदर एवं समसामयिक!
ReplyDeleteविजय सिंह
Thank you Sir!
DeleteIt is real that our will power will make us strong.no dout at all.really your article is prase worth.
ReplyDeleteThank you Sir !
DeleteBeautiful article but there should little more justifiable with the title and content.
ReplyDeleteKeep writing..
Thanks
I'll try to incorporate it next time!Thanks!
Deleteबहुत ही सुंदर आलेख।
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteप्रेरणादायक
ReplyDeleteधन्यवाद सर!
Deleteसंकल्प की शक्ति का चित्रण👌👌👌👌
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteअच्छी समसामयिक रचना
ReplyDeleteधन्यवाद सर!
Deleteअच्छी समसामयिक रचना
ReplyDeleteBahut sunder likha aapne
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