ज़िन्दगी में कभी निराश न हो- राजेश कुमार (शिक्षक) - Teachers of Bihar

Recent

Sunday 18 August 2019

ज़िन्दगी में कभी निराश न हो- राजेश कुमार (शिक्षक)

ज़िन्दगी में कभी निराश न हो


ज़िन्दगी में कभी निराश न हो।
थक-हारकर यूँ उदास न हो।
ज़िन्दगी में कभी निराश न हो।
ये ग़म के बादल इक रोज़ छटेंगे।
तेरी आँखों से आँसू ज़रूर हटेंगे।
तेरे सारे दुःख-दर्द कभी तो मिटेंगे।
ईश्वर पर तुम्हें अविश्वास न हो।
ज़िन्दगी में कभी निराश न हो।
थक-हारकर यूँ उदास न हो।
प्रकाश द्वारा अंधेरा भगाना ही है।
बुरे वक़्त को एकदिन जाना ही है।
रात के बाद दिन को आना ही है।
क़ुदरत से सीख;हताश न हो।
ज़िन्दगी में कभी निराश न हो।
थक-हारकर यूँ उदास न हो।
सोना तपकर कुन्दन होता है।
साँप से लिपटा पेड़ चंदन होता है।
हँसी से भी क़ीमती क्रंदन होता है।
मन में मैल का निवास न हो।
ज़िंदगी में कभी निराश न हो।
थक-हारकर यूँ उदास न हो।



.








राजेश कुमार सिंह
उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलथारा
मोहिउद्दीननगर
समस्तीपुर

6 comments:

  1. बहुत ही कीमती कविता।

    ReplyDelete
  2. बहुत ही शानदार एवं अभिप्रेरित करने वाली कविता।👌👍

    ReplyDelete
  3. बहुत ही शानदार एवं अभिप्रेरित करने वाली कविता।👌👍

    ReplyDelete
  4. भाव बढिया है

    ReplyDelete
  5. बहुत-बहुत बहुत ही आकर्षक!
    विजय सिंह

    ReplyDelete