शिक्षक मतलब राष्ट्र निर्माता - हिफजुर रहमान"रिंकु" (शिक्षक) - Teachers of Bihar

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Thursday 5 September 2019

शिक्षक मतलब राष्ट्र निर्माता - हिफजुर रहमान"रिंकु" (शिक्षक)

    शिक्षक मतलब राष्ट्र निर्माता

सितम्बर का महीना हो और तारीख 5 हो तो यह दिन हमारे मुल्क के लिये काफी खास हो जाता है‌। ये वो दिन है जब सारा मुल्क अपने राष्ट्र निर्माता शिक्षकों को सम्मान प्रदान करते हुये इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाता है। वैसे शिक्षकों का सम्मान किसी एक या विशेष दिन का मोहताज नहीं परन्तु देश के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं दुसरे राष्ट्रपति महान शिक्षाविद डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने छात्रों से आग्रह किया था की उन्हे हमेशा एक शिक्षक के रुप में याद रखा जाये एवं उनके जन्मदिवस को‌ पुरे शिक्षक समाज के सम्मान के रुप में‌ समर्पित किया जाये। इससे इस दिवस की महत्ता का पता चलता है। उनके जीवन गाथा के सम्बन्ध में हम सब बहुत कुछ जानते हैं।
      दुनिया के किसी भी कोने में चलें जायें शिक्षक के प्रभाव से न तो किसी व्यक्ति और न ही किसी समाज को अलग किया जा सकता है। शिक्षक की महत्ता को न तो कम किया जा सकता है और न ही किसी एक डोर में बांधा जा सकता है,बल्कि शिक्षक वो चिराग है जिसके शम्मे से समाज का हर तबका रौशन होता है।शिक्षक अपने छात्रों में ज्ञान,सत्य,अन्वेषण,तार्किक चिंतन आदि तरंगों का संचारण करता है। शिक्षक उस माली के‌ समान है जो एक बगीचे को विभिन्न रंग-रुप के फुलों से सजाता है,वह छात्रों को कांटों पर भी मुस्कुराकर चलने को प्रोत्साहित करता है,वह हमेशा अपने ‌छात्रों का कल्याण चाहता है। वह प्रेरणा के फुहारों से सींचकर बच्चों को सफलता के मार्ग पर प्रशस्त करता है।
        वो शिक्षक ही होता है जो नौनिहालों/युवाओं को तराश कर आकार देता है। शिक्षक अपने छात्रों को भौतिक एवं नैतिक ज्ञान के रंगों से सराबोर कर सकारात्मक विचारों वाला इंसान पटल पर उकेर कर उन्नत समाज का निर्माण करता है। समाज में कोई उच्च कोटि का डॉक्टर, इंजीनियर, समाजसेवी,या कोई बड़ा अधिकारी हो उन सबको तरक्की के नेशनल हाईवे तक पहुंचाने में किसी न किसी शिक्षक का हाथ जरुर है। एक शिक्षक हर रोज अपने लक्ष्य सुनिश्चित कर ज्ञान,कौशल,एवं व्यवहार से बच्चों के बीच आदर्श प्रस्तुत करता है जिसका अनुकरण कर बच्चे अपने अर्जित ज्ञान में वृद्धी करते हैं। एक शिक्षक मार्गदर्शक,अभिभावक, मनोचिकित्सक, बच्चों का सबसे अच्छा मित्र,समाजसुधारक, आदि होता है।सचमुच जिस तरह भगवान सृष्टी का निर्माता है,उसी तरह एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है इसलिये शिक्षकों‌ का सम्मान हर रोज,हर समय, एवं समाज के हर तबके के लोगों को करना चाहिये। 

 हिफजुर रहमान"रिंकु"
            शिक्षक
 प्राथमिक विधालय शेखबिघा, आमस(गया)

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