शिक्षक दिवस की महत्ता-सूर्य प्रकाश (शिक्षक) - Teachers of Bihar

Recent

Thursday 5 September 2019

शिक्षक दिवस की महत्ता-सूर्य प्रकाश (शिक्षक)

शिक्षक दिवस की महत्ता

     वर्तमान समय में शिक्षक दिवस का मूल्य सिर्फ केक काटने व गिफ्टो के लेन-देन पर सिमट गया। है भारत जैसे गौरवशाली देश में शिक्षकों का एक महिमामयी इतिहास रहा है। एकलव्य ने अपने गुरु की दक्षिणा में अपना अंगूठा काट दिया था । मुझे आज भी जब अपने गुरु मिलते हैं तो पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेने की कोशिश करता हूं। एक शिक्षक जो सरकारी स्कूल के है जिनसे मै पढ़ा हूँ अगर किसी मीटिंग में मिल जाते हैं तो मैं कोशिश करता हूं कि उनका पैर छूकर उनका आशीर्वाद लूँ पर उनका बड़प्पन कि मुझे बोलते हैं कि अब तुम भी शिक्षक बन गए हो पर मेरा संस्कार मुझे हर बार झुकने को मजबूर करता है। जब मैंने अपने विद्यालय योगदान किया बच्चे दूर से ही गुड मॉर्निंग कर के अभिवादन किया करते थे। मैंने उनके अंदर व्यक्तित्व का विकास अपनी सभ्यता संस्कृति का ज्ञान दिया और आज लगभग सभी बच्चे सभी शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं।गुड मॉर्निंग कहना अच्छी बात है लेकिन साथ ही साथ अपनी सभ्यता संस्कृति का ज्ञान देना भी आवश्यक है । बच्चों के व्यक्तित्व के निर्माण में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक दिवस पर सर्व पल्ली राधाकृष्णन को नमन करने के साथ ही बच्चों के अंदर गुरु शिष्य का रिश्ता, सामाजिक ज्ञान व्यक्तित्व का विकास का ज्ञान, देना भी आवश्यक है।
"दो तरह के शिक्षक होते हैं, एक वे जो तुम्हें इतना भयभीत करते हैं कि तुम हिल ना सको, और दूसरे वे जो पीछे से तुम्हारी पीठ थपथपा देते हैं और तुम आसमान छू लेते हो " -रॉबर्ट फ्रॉस्ट

सूर्य प्रकाश
शिक्षक
उत्क्रमित विद्यालय कबौलीराम
पूसा , समस्तीपुर






2 comments: