दीपावली का संदेश -चंद्रशेखर कुमार गुप्ता - Teachers of Bihar

Recent

Sunday 27 October 2019

दीपावली का संदेश -चंद्रशेखर कुमार गुप्ता

 जगमगाती रौशनी के बीच खुद के निशा खोजता अंधेरा
खुद के अनसुलझे सवालों के बीच खोकर 
अपने अस्तित्व के लिए जद्दोजहद करते हुए 
एक कोने में जाकर रौशनी से पूछता है,मै कौन हूं?


रौशनी अपनी चकाचौंध में बोली खुद के अस्तित्व के खातिर लड़ता एक गुमनाम अंधकार जो एक चिरंतन सत्य है,मृत्यु के बाद का,जन्म के पूर्व का और जन्म और मृत्यु के बीच के अंतराल का....

अंधेरे ने स्वयं अंतर्मन में झाक के देखा काफी दूर दूर तक फैला एक ऐसा सत्य जो प्रकाश के पहले भी था और बाद भी सदा सत्य अनंत की महायात्रा  तक

प्रकाश और अंधेरे के बीच एक सामंजस्य तारतम्य ही तो है,,अंधेरा अंधेरे में खोकर प्रकाश को अस्तित्वमान बनाता है वरन् प्रकाश का निशा क्या

दीपावली का यही संदेश ज्योतिपुंज के शाश्वत शासन को अन्तःकरण में शिरोधार्य कर प्रकाश के आलोक से सामान्य जन को आलोकित करने का.....
    
         चंद्रशेखर कुमार गुप्ता
शिक्षक प्राथमिक विद्यालय टंडवा
बांके बाज़ार,गया बिहार


2 comments: