मुनिया क्यों उदास- ज्योति कुमारी - Teachers of Bihar

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Wednesday 6 November 2019

मुनिया क्यों उदास- ज्योति कुमारी

मुनिया क्यों उदास


आज मुनिया गुमसुम सी उदास थी,
बात क्या हुई,क्या पता...?
सभी सहेलियाँ तो पास थीं..
आज ना खेली कितकित..ना कबड़्डी..
डरी थी सहमी थी...!!

दीदी आई कक्षा में ....
देख मुनिया को उदास..
उसे बुलाई अपने पास...,,
बोली बात हुई क्या बताओ..
मैं हूँ अपनी...तकलीफ ना छुपाओ..

बोली मुनिया... 
अम्मा कहती है अब मैं बड़ी हुई...
दूरी रखूँ पापा से ...
और सभी लड़कों से खास..
आँख आँसू से भरे थे...
कितने सवाल कह रहे थे...!!

दीदी समझ गई सारी बात...
माहवारी की हुई है शुरूआत...
सब लड़कियों को पास बुलाया...
माहवारी है जरूरी शारीरिक क्रिया...
नहीं है कोई अभिशाप ये बतलाया....
अम्मा को भी समझाया...

अब खुश है मुनिया रानी...
दूर हुई हर परेशानी....

ज्योति कुमारी
मध्य विद्यालय भनरा
चान्दन,बाँका

16 comments:

  1. बहुत हीं सुन्दर!
    विजय सिंह

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  2. सरल,सुन्दर, सहज ग्राह्य, रोचक एवं सारगर्भित प्रेरक कविता ! कवयित्री शिक्षिका को बधाई !

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  3. ओह शानदार काव्य भाव में आपने बालिका एवं उसके तनाव को दर्शाते हुए उसका स्वस्थ उपचार भी बताया ।। 👌👌👌

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  4. Waaoowwww didiyaa....Very nice msg in poem ....for teenage girl ...

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  5. बहुत ख़ूब👌👌

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  6. Very well written ma'am.... May use your poetry for adolescent training

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  7. सुन्दर,सरल,सहज, प्रभावी,ज्ञानोदयी, जागरूकतादयी कविता के साथ साथ शिक्षिका की भूमिका, बालिका-शिक्षिका के बीच के रिश्ते की अहमियत को रेखांकित करने वाली रचना।
    ज्योति मैम को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं।
    निशांत
    मुंगेर।

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  8. बेहतरीन प्रयास।

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  9. Well done di��������

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