Friday 27 December 2019
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विद्यालय पोषण वाटिका पर मेरे विचार- रवि रौशन कुमार
विद्यालय पोषण वाटिका पर मेरे विचार :-
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बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अंतर्गत बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना समिति के पत्रांक-966 दिनांक 06-06-2019 के अलोक में राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में विद्यालय पोषण वाटिका (🌱🌿🌾🌲🌳🌵🌴🍀) विकसित करने का फरमान जारी किया गया है. इसे अंकुरण योजना के नाम से जाना जाएगा. उक्त योजना की शुरुआत का लक्ष्य भले ही मध्याह्न भोजन में बच्चों को पौष्टिक सब्जिओं का रसास्वादन करवाना हो, परंतु इस योजना का अगर दूसरा पहलू देखा जाय तो हम पाएंगे कि इसके द्वारा विद्यालय के बच्चों में बागबानी कौशल विकसित होगा साथ ही साथ पौधा रोपण के प्रति जागरूकता आएगी. इतना ही नहीं कृषि के महत्व को समझने का मौका मिलेगा. सब्जिओं में पाई जाने वाली जैव विविधता का भी ज्ञान मिल सकेगा. प्राचीन काल में गुरुकुल परम्परा के तहत शिष्यों को इसी तरह के व्यावहारिक एवं जीवनोपयोगी शिक्षा दी जाती थी.
विद्यालय पोषण वाटिका में उगाए जाने वाले सब्जियों एवं फलों में जैविक खाद का प्रयोग हो तो और भी बेहतर. कृषि की विधियों एवं उनसे जुड़ी अन्य क्रियाकलापों की व्यावहारिक समझ प्राथमिक स्तर के बच्चों को अगर मिल जाएगी तो शायद हम एक बार फिर से कृषि के प्रति नवीन पीढ़ी के रुझान को प्राप्त कर सकते हैं. इस कड़ी में पोषण वाटिका योजना के अंतर्गत विद्यालयों को उद्यान विभाग का भी सहयोग प्राप्त होगा. बच्चों को कृषि की तकनीकों से परिचय कराया जाएगा. साथ ही जीविका मिशन की महिलाएं भी विद्यालय में बच्चों को मदद करेंगी. चूकि पोषण वाटिका में उपजाने वाली सब्जियां और फल जैविक खाद के प्रयोग द्वारा उगायी जाएंगी इसलिए इसमे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगा. इस कड़ी में कई विद्यालयों में इसकी शुरुआत की जा चुकी है. और बच्चों एवं अभिभावकों की देखरेख में अच्छी उपज भी देखी जा रही है.
बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल कृषि विषय का प्रायोगिक ज्ञान देने में भी पोषण वाटिका का योगदान उल्लेखनीय है. कृषि की विधियां एवं उसमे प्रयुक्त तकनीकी का क्रमबद्ध ज्ञान देने के लिए भी यह वाटिका एक संसाधन का कार्य करेगी.
इस योजना के क्रियान्वयन से बच्चों के पढ़ाई पर कोई प्रभाव न पड़े इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. मध्यांतर अथवा अंतिम घंटी का प्रयोग बच्चों को पोषण वाटिका विकास एवं देखरेख के लिए किया जाना चाहिए. बच्चों को इस वाटिका में उपलब्ध चीजों के द्वारा विज्ञान के अन्य पहलुओं का भी ज्ञान दिया जा सकता है. यथा - प्रकाश संश्लेषन, पौधे का विकास, पौधे की संरचना, फूलों के प्रकार, मिट्टी की प्रकृति इत्यादि.
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग के निर्देशों के आलोक में क्रियान्वित अंकुरण योजना को सफल बनाने में सामुदायिक भागीदारी भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. बच्चों के अभिभावकों का इस योजना के प्रति सकारात्मक रुख इसे सफल बना सकता है.
भले ही इस योजना से अपेक्षाएं कुछ अधिक लग रही होंगी किन्तु मेरा मानना ये है कि विद्यालय शिक्षा समिति एवं बच्चों के सामूहिक सहयोग से इस योजना को सफल बनाया जा सकता है.
रवि रौशन कुमार, शिक्षक, राजकीय उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय माधोपट्टी केवटी दरभंगा
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बहुत ही सुंदर! लेकिन इसके लिए जमीन का उप्लब्ध होना अतिआवश्यक है। अधिकांश विद्यालय को बच्चों के लिए खेल का मैदान भी उपलब्ध नहीं है तो पोषण वाटिका कैसे बन सकता है।
ReplyDeleteविजय सिंह
धन्यवाद 🙏
Deleteनिश्चित तौर पर आपके लेखनी में एक भविष्यद्रष्टा की क्षमता है जो सुन्दर भविष्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा। आपके इस नवीन सोच को सौ सौ सलाम है। बधाई है। बहुत बहुत शुभकामना है।
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏
Deleteबहुत सुंदर एवं उपयोगी जानकारी वाला आलेख.... परंतु शुरू की पंक्तियों में "फरमान" शब्द के प्रयोग से सहमत नहीं क्योंकि यह नकारात्मक भाव का बोध कराता है। इसके बदले आदेश या निर्देश का प्रयोग हो सकता था। एक उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक लेख के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.......
ReplyDeleteआपका आलेख काफ़ी ज्ञानवर्धक और क़ृषि को भूलती जा रही पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक हैँ..
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏
Deleteधन्यवाद 🙏
Deleteआपका आलेख बहुत हीं सुन्दर,सारगर्भित और इसके बहुआयामी सदुपयोग हेतु दिशा दिखाने वाला है।
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏
Deleteनिश्चित रूप से आपका लेख सारगर्भित है,बहुत हद तक कुछ विद्यालय जहाँ भूमि उपलब्ध है वहा पोषण वाटिका तैयार किया गया है,सरकार के फरमान नहीं बल्कि हम शिक्षकों के सकारात्मक सोच से यह परिवर्तन संभव हो सकेगा l बच्चों की क्रियाशीलता के साथ साथ उनमें एक नयी सोच भी विकसित होगी l
ReplyDeleteVery well said Sir ji keep it up for our brighter future 😊😊👏👏👏
ReplyDeleteOur generation needs teacher like you sir . 👏👏👏👏👍👍👌👌👌👌👌
Thank you so much sir
Deleteआपका आलेख सराहनीय है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
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