बच्चों को अपनाते चलें (प्रेरणा गीत)- मणिकांत मणि - Teachers of Bihar

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Saturday 11 January 2020

बच्चों को अपनाते चलें (प्रेरणा गीत)- मणिकांत मणि

बच्चों को अपनाते चलें (प्रेरणा गीत)
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सीमित है संसाधन फिर भी,
हम नवज्योति जगाते चलें।
एक नेक दिल शिक्षक बनकर,
बच्चों को अपनाते चलें।

बच्चों के रौनक के बूते,
झट पुलकित होता अभिमान।
नक़ल करें,हम बेहतरीन का,
हासिल होगा,एक मुकाम।
कुछ धूमिल परतें हैं उसको,
खुद बढ़कर चमकाते चलें।
एक नेक दिल शिक्षक बनकर,
बच्चों को अपनाते चलें।

हम लहरों से यदि लड़ेंगे,
नौनिहाल होंगे सरताज।
फिर आवाम हमारी होगी,
कर के देखें,हम आगाज़।
भेदभाव के अड़चन को,
स्वभाव से ही मिटाते चलें।
एक नेक दिल शिक्षक बनकर,
बच्चों को अपनाते चलें।

मेहनत का फल हाजिर होगा,
न मन को रखें गमगीन।
भले आज कुछ कठिन दौर है,
खुशी मिलेगी,कल के दिन।
हाथ बढ़ाकर,साथ निभाकर,
उपवन को महकाते चलें।
एक नेक दिल शिक्षक बनकर,
बच्चों को अपनाते चलें।

 मणिकांत मणि              
 रा प्रा वि हरदियां बेदौली,
 पालीगंज (पटना) बिहार।
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16 comments:

  1. बहुत सुंदर एवं प्रेरणादायक रचना..... बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

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  2. Thank you sir.very good thought.

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  3. Nice thinking sir u r roll model for us

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  4. Nice motivational line sir u r roll model for us

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  5. Nice motivational line sir u r roll model for us

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