हम चले स्कूल (कविता) - शब्बू सुल्ताना - Teachers of Bihar

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Monday 13 January 2020

हम चले स्कूल (कविता) - शब्बू सुल्ताना


-:: हम चले स्कूल ::-

हुआ यूं कि हम चले स्कूल
मज़े में उड़ाते हुए धूल
टन - टन - टन - टन बजी घंटी जब
दौड़ के पहुंचे हम स्कूल तब
चेतना सत्र हो चुकी थी शुरू
सामने ही गुस्से में खड़े थे गुरु
हमनें सोचा अब तो पड़ेगी डांट
इतने में ही आयी उस्ताद की आवाज़
डरते डरते हम गए उनके पास
उन्होंने समझायी कुछ बातें खास
शिक्षक से न डरा करो
सबकी इज्जत किया करो
डर कर न हो कभी उदास
हंसो मुस्कुराओ रहो बिंदास
इतना सुनकर मैं हो गयी कूल
टेंशन वेंशन गयी मैं भूल
दोस्तों से जब बतलायी ये बात
सबने बोला एक साथ
शिक्षक हमारे इतने अच्छे
हम हैं उनके प्यारे बच्चे
हम घर- घर जा कर समझाएंगे
सभी बच्चों को स्कूल लाएंगे
पढ़ लिखकर बनेंगे महान
मां - बाप का बढ़ाएंगे मान ।


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शब्बू सुल्ताना
कन्या प्राथमिक विद्यालय खिरियाही,
सहरसा, बिहार

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