पेड़-पौधे हमारे अमूल्य धरोहर-देवकांत मिश्र - Teachers of Bihar

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Monday 30 March 2020

पेड़-पौधे हमारे अमूल्य धरोहर-देवकांत मिश्र

पेंड़-पौधे हमारे अमूल्य धरोहर

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    अगर वृक्ष लगाओगे तो, बड़ा ही सुख पाओगे।

    गर इसे तुम काटोगे तो, दुःख ही दुःख पाओगे।।

                   वृक्ष है पुत्र समान।

               रखना सदा इसका ध्यान।।

      जरा ठहरिए ! इसे मत काटिए ! मान जाइए !

          सच में, वृक्ष हमारी प्रकृति का अमूल्य धरोहर है।हम अपने पास-पड़ोस विभिन्न तरह के पेड़-पौधे देखते हैं। जैसे- पीपल, बरगद, शीशम, आम, अशोक, अमरूद, नीम, फूलों के पौधे, तुलसी इत्यादि। जब हम इन्हें देखते हैं तो एक नई स्फूर्ति आती है। एक अजीब आनंद मिलता है साथ ही एक नये सुकून की अनुभूति होती है। वृक्ष को हम भोजन नहीं देते हैं बल्कि अपना भोजन वे स्वयं तैयार करते हैं।

          ये जड़ से खनिज लवण, सूर्य से प्रकाश तथा वायुमंडल से Co2 गैस लेकर पत्तियों द्वारा भोजन बनाते हैं। ये हमें फल प्रदान करते हैं। कहा भी गया है--    

         वृक्ष कबहु न फल भखै, नदी न संचै नीर।

         परमारथ के कारने, साधुन धरा शरीर।।

          वृक्ष से ही हमें फल, फूल, ईंधन के लिए सूखी लकड़ियांँ, फर्नीचर के लिए लकड़ियाँ, गोंद, रबर तथा तरह-तरह की औषधियांँ मिलती हैं। जरा दिलो दिमाग से तनिक सोचिए कितना उपयोगी है यह हमारे लिए? 

          इसके अतिरिक्त जब वृक्ष के ऊपर बैठी कोयल चहकती है, अपनी मधुर तान सुनाती है तथा तरह-तरह के पक्षी डाली पर कुदक-फुदक कर हल्का शोर मचाते हैं, पुनः कुछ देर बाद शांति का एहसास करते हैं, फूलों के इर्द-गिर्द रंग बिरंगी तितलियांँ मंँडराती है तब न जाने हम एक अलग आनंद के सागर में गोता लगाने लगाते हैं। प्रकृति के वास्तविक सौंदर्य के दर्शन करने लगते हैं।  वास्तव में वृक्ष हमारे लिए जीवनदायिनी है। आखिर क्यों न? इनसे  प्राणदायिनी, जीवनदायिनी वायु जो हमें मिलती हैं। यह हमारे द्वारा छोड़ी गई विषैली गैस Co2 को ग्रहण कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। ये कल -कारखानों से निकलने वाले धुएंँ को भी साफ करते हैं। ये हमें छाया व स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण प्रदान करते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है। ये हमें अपने वातावरण को संतुलित रखने में हमारी भरपूर मदद करते हैं। इनसे ही वर्षा होती है जिसके कारण किसान अपने खेतों में लहलहाते फसलों को देख खुशहाल रहते हैं। अतः पेड़-पौधों को हमें काटना नहीं चाहिए। ये पुत्र के समान होते हैं। अगर ये नष्ट होंगे तो हम भी नाखुश रहेंगे। अगर हो सके तो हमें किसी विशेष अवसर यानी 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस, राष्ट्रीय पर्वों या जन्मदिन पर एक-एक पेड़-पौधा लगाने का संकल्प लेना चाहिए। विद्यालयी बच्चों को विभिन्न औषधीय पौधों की जानकारी व इससे प्राप्त लाभ को बताकर पर्यावरण से जोड़े रखना चाहिए। इससे इन्हें दीर्घकालिक लाभ मिलेगा। अपने-अपने घरों में तुलसी (osimum sanctum) का पौधा जरूर लगाना चाहिए। विद्यालय या घर के पास-पड़ोस में नीम, अशोक और पीपल का भी वृक्ष लगाना चाहिए। पीपल के वृक्ष जहांँ हर-हमेशा ऑक्सीजन छोड़ते रहते हैं वहीं तुलसी के पत्तों में यूजीनोल नामक रसायन मौजूद होता है जिसका स्वाद कड़वा होता है। विभिन्न तरह की दवाईयों में उपयोगी होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे सारे कष्ट विकार दूर हो जाते हैं और वातावरण को भी शांति मिलती है। अतः हमलोग दिल से जान लीजिए पर्यावरण में सबसे महत्वपूर्ण वृक्ष ही है। हमें वृक्षारोपण अवश्य ही करना चाहिए। 

   आओ ! हम सब मन मजबूत बनाएंँ।

      वृक्षारोपण हेतु, कदम बढाएंँ।।



देवकांत मिश्र  

म. वि. धवलपुरा 

सुल्तानगंज, भागलपुर

19 comments:

  1. बहुत हीं सुन्दर आलेख!
    विजय सिंह

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  2. प्रेरणादायक

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  3. Fantastic paragraph. Its implementable by all and need to convince such people those who are involve to cut tree so brutally.

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  4. वर्तमान कि जरूरत सुंदर आलेख

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  5. वन है तो हम हैं

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  6. सुन्दर और समसामयिक आलेख हेतु साधुवाद,
    लोग इसके लिए हमेशा कऱेंगे आपको याद।
    इसी तरह आगे भी खूब कमायें अपना नाम।
    आपकी मंगल भविष्य हेतु है ईश्वर से फरियाद।

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  7. इस रचना को पढ़ने के बाद हमें यह महसूस हुआ कि प्रकृति के इस धरोहर को सुरक्षित रखना चाहिए

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  8. दाद देते है हम तुम्हारे नज़र अंदाज़ करने के हुनर को
    जिस ने भी सिखाया है वो उस्ताद कमाल का होगा...🙏🙏🙏🙏

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  9. दाद देते है हम तुम्हारे नज़र अंदाज़ करने के हुनर को
    जिस ने भी सिखाया है वो उस्ताद कमाल का होगा...🙏🙏🙏

    सैयद अबु ताहिर
    भागलपुर,बिहार

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  10. Awesome 👌🏿👌🏿👌🏿

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  11. Heart touching line🙏🙏🙏

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  12. बिना संघर्ष कोई महान नही होता,
    बिना कुछ किये जय जय कार नही होता,
    जब तक नहीं पड़ती हथोड़े की चोट,
    तब तक कोई पत्थर भी लोगों के लिए भगवान नही होता।

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  13. Cʜʌŋɗʌŋ ĸʋɱʌʀ sʜʌʀɱʌ1 April 2020 at 18:42

    अपने जीवन को उस तालाब की तरह बनाओ, जहां शेर भी पानी पिए और बकरी भी पानी पिए, पर सिर झुका कर पिए।
    ������

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  14. Ashish Kumar Jha1 April 2020 at 18:54

    The man who has confidence in himself gains the confidence of others.”

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