Monday 30 March 2020
New
शिक्षक--जैनेन्द्र प्रसाद
शिक्षक
=====
शिक्षक शिक्षा दान करें, निज शिष्यों का अज्ञान हरें।
जाति-धर्म से परे रहकर, मानवता का कल्याण करें।
हम शिक्षक सरकारी हैं, नहीं विद्या के व्यापारी हैं,
ईक्षा, अरमां हम में भी, हम भी मानव तनधारी हैं।
हम दुनियाँ के लोगों में शिक्षा का अलख जगाते हैं,
अशिक्षित, असभ्य लोगों में ज्ञान की ज्योति जलाते हैं।
दीन, सबल हो कोई प्राणी, शिक्षा बिना है अज्ञानी,
अक्षर ज्ञान की बीज से उसको बनाते हम विज्ञानी।
जिसने भी शिक्षा अपनायी, दुनियाँ में होता सम्मानित,
विद्या-हीन नर पशु समान, पग-पग पर होता अपमानित।
शिक्षा ही जग में मानव का सबसे बड़ा मोती है,
उपेक्षित एवं दलित समाज में आशा की ज्योति है।
धनहीन होकर भी मानव यहाँ पर जीता है,
पर विद्या विहीन नर, हर वैभव से अछुता है।
जिसने गुरू की शरण गही, उसका बेडा़ पार हुआ,
हो जन्म-गोत्र चाहे मलीन, उसका भी उद्धार हुआ।
शिक्षक ही कारीगर बन ,पत्थर को भगवान बनाते हैं,
विवेक, प्यार की चोट से ,पशु को इन्सान बनाते हैं।
गुरू होते हैं "गौतम" समान, निःस्वार्थ सबको देते ज्ञान,
जड-चेतन व पशु-पक्षी को प्यार करते एक समान।
यदि भ्रष्ट अभियंता-नेता हो, तो भवन व्यवस्था चरमराए,
शिक्षक ज्यों जड़ता अपनाए तो देश रसातल में जाए।
जब भी शिक्षक निद्रा से जागा है, अराजकता का तम भागा है,
जिस देश में शिक्षक अपमानित हो, समझो वह देश अभागा है।
जैनेन्द्र प्रसाद "रवि'
म.वि.बख्तियारपुर
About Teachers of Bihar
Teachers of Bihar is a vibrant platform for all who has real concern for quality education. It intends to provide ample scope and opportunity to each and every concern, not only to explore the educational initiative, interventions and innovations but also to contribute with confidence and compliment. It is an initiative to bring together the students, teachers, teacher educators, educational administrators and planners, educationist under one domain for wide range of interactive discourse, discussion, idea generation, easy sharing and effective implementation of good practices and policies with smooth access.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मैं टीचर्स ऑफ बिहार के सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूँ कि अपनी प्रतिक्रिया अवश्य शेयर करें जिससे लेखनी में सुधार और निखार आ सकती है।
ReplyDeleteआपका साथी
विजय सिंह
आज कॉसेप्ट क्लियर हो गया आभार विजय सर आपको।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सर जी!
Deleteविजय सिंह
Mai,bhi ab se ice breaker ka prayog karunga.child ubau nhi honge
ReplyDeleteजी!जरूर।
Deleteविजय सिंह
Mai,bhi ab se ice breaker ka prayog karunga.child ubau nhi honge
ReplyDeleteजी!जरूर करें तभी तो लेखनी सफल होगी।
Deleteविजय सिंह
Mai bhi ice breaker ka prayog karungi
ReplyDeleteजी!अवश्य करें तभी तो लिखी गई बातों की सार्थकता प्रकट होगी।
Deleteविजय सिंह
जी बिल्कुल।आइस ब्रेकर का कांसेप्ट क्लियर हुआ सर।धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद!
Deleteविजय सिंह
"शिक्षक कविता बहुत हीं सुन्दर और वास्तविक है।
ReplyDeleteविजय सिंह
शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं निज देश के भाग्य विधाता हैं।
ReplyDeleteतिलक,गोगले,वीर सुभाष हम गांधी के जन्म दाता हैं।
शिक्षा के महत्व पर बेहतर रचना।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता।
DeleteThere's difference btn writeup(scripts) and way of action.
ReplyDeleteDoggerel are apriciable.
Thanks
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteVery impressive
ReplyDeleteसराहनीय
ReplyDelete