Tuesday 31 March 2020
New
असहाय दुनियाँ का मार्ग-संतोष कुमार
असहाय दुनियाँ का मार्ग
*******************
🙏 तो भैया कर ली तरक्की, जीत लिए देश, कर ली औद्योगिक क्रांति, कमा लिए पेट्रो डॉलर, बना लिए मॉल्टी नेशनल काॅरपोरेशन, बन गए सुपर पाॅवर या अब और भी कुछ बाँकि है?
एक सुक्ष्म से परजीवी ने आपको घुटनों पर ला दिया? न एटम बम काम आ रहे न पेट्रो रिफाइनरी? आपका सारा विकास एक छोटे से वायरस से सामना नहीं कर पा रहा ?? क्या हुआ, निकल गई हेकड़ी ?? बस इतना ही कमाया था इतने वर्षों में कि एक छोटे से जीव ने घरों में कैद कर दिया???
मध्य युग में पूरे युरोप पर राज करने वाला रोम (इटली) नष्ट होने के कगार पर आ गया, मध्य पूर्व को अपने कदमों से रौंदने वाला ओस्मानिया साम्राज्य (ईरान, टर्की ) अब घुटनों पर है, जिनके साम्राज्य का सूर्य कभी अस्त नहीं होता था उस ब्रिटिश साम्राज्य के वारिश बर्मिंघम पैलेस में कैद है, जो स्वयं को आधुनिक युग की सबसे बड़ी शक्ति समझते थे उस रूस के बॉर्डर सील हैं। जिनके एक इशारे पर दुनियाँ के नक़्शे बदल जाते हैं, जो पूरी दुनियाँ के अघोषित चौधरी हैं, उस अमेरिका में लॉकडाउन है और जो आने वाले समय में सबको निगल जाना चाहते थे, वो चीन आज मुँह छिपाता फिर रहा है और सबकी गालियाँ खा रहा है।
अब ये सब आशा भरी नज़रो से देख रहे हैं। WHO कह रहे कि कोरोना का भविष्य भारत तय करेगा। सभी देख रहे हमारे ६८ वर्ष के नायक की तरफ, उस भारत की ओर जिसका सदियों अपमान करते रहे, रौंदते रहे, लूटते रहे। और ये सब किया है एक इतने छोटे से जीव ने जो दिखाई भी नहीं देता, मतलब ये कि एक मामूली से जीव ने आपको आपकी औकात बता दी। वैसे बता दूँ , ये कोरोना अंत नहीं आरम्भ है, एक नए युद्ध का। एक ऐसा युद्ध जिसमें आपके हारने की पूरी सम्भावना है।
जैसे-जैसे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगी, ग्लेशियरों के बर्फ पिघलेंगे तो लाखों वर्षो से बर्फ की चादर में कैद दानवीय विषाणु आजाद होंगे जिनका न आपको परिचय है और न ही लड़ने की कोई तैयारी। ये कोरोना तो मात्र एक झाँकि है, चेतावनी है उस आने वाली विपदा की जिसे आपने अपने क्रिया-कलापों से जन्म दिया है।
मेनचेस्टर की औद्योगिक क्रांति और हरवार्ड की इकोनॉमिक्स संसार को अंत के मुहाने पर ले आई।।।बधाई। और जानते हैं इस आपदा से लड़ने का तरीका कहाँ छुपा है ?? तक्षशिला के खंडहरो में, नालंदा की राख में, शारदा पीठ के अवशेषों में, मार्तण्डय के पत्थरों में।।
सुक्ष्म एवं परजीवियों से मनुष्य का युद्ध नया नहीं है, ये तो सृष्टि के आरम्भ से अनवरत चलता आ रहा है और सदैव चलता रहेगा। इससे लड़ने के लिए हमने हर हथियार खोज भी लिया था, मगर आपके अहंकार, आपके लालच, स्वयं को श्रेष्ठ सिद्ध करने की हठधर्मिता ने सब नष्ट कर दिया ।
क्या चाहिए था आपको???? स्वर्ण एवं रत्नों के भण्डार? यूँ ही मांग लेते, आपको यूँ हीं दान में दे देते। सांसारिक वैभव को त्यागकर आंतरिक शांति की खोज करने वाले समाज के लिए वे सब यूँ भी मूल्यहीन ही थे, ले जाते। मगर आपने ये क्या किया, विश्वबंधुत्व की बात करने वाले समाज को नष्ट कर दिया? जिसका मन आया वही अश्वों पर सवार होकर चला आया रौंदने, लूटने, मारने।
कोई विश्व विजेता बनने के लिए तक्षशिला को तोड़ कर चला गया, कोई सोने की चमक में अँधा होकर सोमनाथ लूट कर ले गया तो कोई किसी आसमानी किताब को ऊँचा दिखाने के लिए नालन्दा की किताबों को जला गया। किसी ने उन्मत होकर शारदा पीठ के टुकड़े-टुकड़े कर दिया तो किसी ने अपने झण्डे को ऊँचा दिखाने के लिए विश्व कल्याण का केंद्र बने गुरुकुल परम्परा को ही नष्ट कर दिया और आज करुण निगाहों से देख रहे हैं उसी पराजित, अपमानित, पद-दलित भारत भूमि की ओर जिसने अभी-अभी अपने घावों को भरकर अंगड़ाई लेना आरम्भ किया है। किन्तु हम फिर भी निराश नहीं करेंगे, फिर से माँ भारती का आँचल आपको इस संकट की घड़ी में छाँव देगा। आपको उसी नीम और पीपल की छाँव में आना होगा जिसके लिए आपने हमारा उपहास किया था।
ये प्रकृति का न्याय है जिसे आपको स्वीकारना होगा। बहुत कर लिए विज्ञान पर खर्च जिसका परिणाम सामने है। वे खरबों रूपये कहाँ है जिसका 0.01% भी हमारे आयुर्वेदिक परम्पराओं पर खर्च किए होते तो स्थिती कुछ और होती।
खैर इन सब बातों को जाने दीजिये। फिर कहता हूँ इस दुनियाँ को, तुलसी, गिलोय, अदरख, गुड़ का काढ़ा व गर्म जल का सुबह-दोपहर-शाम सेवन करना ही होगा। घर-घर घी कपुर के दीये जलाना होगा तभी कोरोना से मुुक्ति मिलेेेगी।
आहार-विहार-व्यवहार से करें कोरोना पर वार। 🙏
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु , मा कश्चिद् दुःख भाग भवेत् ...🙏
About ToB Team(Vijay)
Teachers of Bihar is a vibrant platform for all who has real concern for quality education. It intends to provide ample scope and opportunity to each and every concern, not only to explore the educational initiative, interventions and innovations but also to contribute with confidence and compliment. It is an initiative to bring together the students, teachers, teacher educators, educational administrators and planners, educationist under one domain for wide range of interactive discourse, discussion, idea generation, easy sharing and effective implementation of good practices and policies with smooth access.
उचित मार्ग
Labels:
उचित मार्ग
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
दुनियाँ के लिए पथप्रदर्शक!
ReplyDeleteविजय सिंह
Thanks
Deleteज्ञानवर्धन लेख। बधाई हो।
ReplyDeleteआज के वर्तमान परिवेश में सटीक एवं आँखें खोलने वाली आलेख।साधुवाद बंधू
ReplyDeleteबहुत बढ़िया 👌
ReplyDeleteबहुत सुंदर आलेख
ReplyDeleteबहुत सुंदर आलेख
ReplyDeleteबहुत सुंदर!
ReplyDeleteसबों को तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteYour article is praise worthy at present.
ReplyDeleteSuper
Deleteविश्व विजयी भारत है ,हमेशा रहेगा।
देने वाला ही सर्वथा सर्वश्रेष्ठ होता है।
आखिर भारत माँ जो है।
जय माँ भारती🙏🙏🙏💪💪
तरक्की ऐसी ना हो जो आफत बन जाए तरक्की ऐसी हो जो आफत से बचाए 🙏👌👌👌👌
ReplyDelete