वर्तमान शिक्षा में आईसीटी की प्रासंगिकता-संजय सिंह - Teachers of Bihar

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Tuesday 31 March 2020

वर्तमान शिक्षा में आईसीटी की प्रासंगिकता-संजय सिंह

वर्तमान शिक्षा में आईसीटी की प्रासंगिकता
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         पूरे विश्व के लिए वर्तमान समय कोरोना क्राइसिस के कारण बेहद चुनौती पूर्ण है। जाहिर है कि आज हमारी प्राथमिकता इस रोग से लड़ने एवं जरूरी प्रभावी उपायों को अपनाने की है परन्तु कुछ दिन बाद जब हम इस आपदा से हुए नुकसानों का हिसाब लगा रहे होंगे तो उद्योग-व्यापार में हुए नुकसान के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में हुए नुकसान भी हमें चिंतित करने वाले होंगे। लाॅकडाउन के चलते स्कूल-काॅलेज महीने भर से बंद हैं और यह बन्द कुछ और अनिश्चितकालीन बढ़ सकता है। परीक्षाएँ स्थगित हैं और आठवीं कक्षा तक बच्चों को बिना परीक्षा में शामिल हुए प्रोमोट करने की बात चल रही है। ऐसे में विचारणीय प्रश्न है कि क्या यह उचित सामाधान है ? शायद नहीं। परंतु विशेष परिस्थिति में ऐसा करने में कोई बुराई भी नहीं है। जरुरत है भविष्य में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें कारगर उपाय ढूंढने और उन्हें अपनाने की। ऐसे में  सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) हमारे लिए रामबाण साबित हो सकता है। वैसे तो आज भूमंडलीकरण के दौर में हर क्षेत्र के लिए आईसीटी महत्वपूर्ण है परन्तु शैक्षणिक क्षेत्र में इसका व्यापक प्रभावकारी उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए हमें कक्षा-कक्ष अध्यापन के पारम्परिक तरीकों के साथ ही संचार प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षण पद्धति को भी अपनाना होगा ताकि छुटि्टयों में भी अथवा आपदा आदि के कारण विद्यालय पूर्णतः बंद रहने पर भी छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो और केंद्रीकृत व्यवस्था के तहत वो ऑनलाइन परीक्षा में भी शामिल हो सकें। संतोष की बात है कि सरकारी स्तर पर इसकेे महत्व को समझते हुए प्रारंभिक प्रयास शुरू किए गए हैं। पंचायत स्तर पर स्मार्ट क्लास की व्यवस्था और महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा का ऑनलाइन आयोजन शुरू कर दिया गया है जिससे बहुत कम समय में गुणवत्तापूर्ण परिणाम आने लगे हैं। देशव्यापी शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम "निष्ठा प्रशिक्षण" में भी आईसीटी को काफी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। परंतु अभी इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमें व्यापक पैमाने पर छात्रों एवं शिक्षकों को कम्प्यूटर साक्षरता से जोड़ते हुए लगातार प्रशिक्षण एवं संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर इस बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक विद्यालय आईसीटी आधारित शिक्षण पद्धति को अपना सके। तब न केवल आपदा अथवा विशेष परिस्थितियों में ही नहीं बल्कि सामान्य दिनों में भी आईसीटी की सहायता से निर्बाध एवं प्रभावी शिक्षा उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा।


संजय कुमार सिंह
प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर 
रानीगंज, अररिया

14 comments:

  1. बहुत सुंदर बहुत सुन्दर!
    विजय सिंह

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  2. सटीक विश्लेषण

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  3. बड़ा ही प्रभावकारी एवं उपयोगी आलेख।

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  4. समयानुसार सटीक

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  5. Very true and motivational paragraph. Its compulsory to implement by the teachers first.
    We all teachers now a days using Hi tech mobile and more or less parent's also using the same. We can connect via zoom cloud, Skype etc but resultant we didn't get the same.
    Overall its very nice article.

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  6. आईसीटी आज के समाज की जरूरत

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  7. बदलते परिवेश के साथ-साथ शिक्षा का स्वरूप भी समय समय पर बदला हैं,आज जब पूरा विश्व करोना जैसे
    विश्वव्यापी महामारी से जूझ रहा हैं वैसे मे आईसीटी हर क्षेत्र मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।ऐसे मे शिक्षकों की भूमिका और भी बढ जाती हैं। धन्यवाद।💐

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