पाॅलिथीन मुक्त विद्यालय-चन्द्रशेखर प्रसाद साहु - Teachers of Bihar

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Thursday, 30 April 2020

पाॅलिथीन मुक्त विद्यालय-चन्द्रशेखर प्रसाद साहु

पॉलिथीन मुक्त विद्यालय 
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          मैं चाहता था कि मेरा विद्यालय पूर्णतः पॉलिथीन मुक्त हो। इसके लिए यह आवश्यक था कि विद्यालय में  विद्यार्थी और शिक्षक अपना कोई सामान प्लास्टिक के बैग में लेकर नहीं आने के लिए प्रेरित हो जाएँ। स्कूली बच्चे सिंगल यूज प्लास्टिक अथवा पॉलिथीन बैग का इस्तेमाल नहीं करे, इसलिए इस दिशा में उन्हें प्रेरित करने के लिए मैंने विद्यालय परिसर में एक दिन एक विचार गोष्ठी आयोजित किया। इस गोष्ठी में विद्यार्थियों को सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन बैग्स आदि के इस्तेमाल से होने वाले दुष्परिणामों पर अपनी बात कहने का अवसर दिया गया।
          इस कार्यक्रम में कई विद्यार्थियों जैसे निर्भय तिवारी, अनिल कुमार, निशा कुमारी आदि ने पॉलिथीन एवं प्लास्टिक से होने वाले नुकसानों के बारे में बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पॉलिथीन का उपयोग पर्यावरण के लिए बहुत ही नुकसानदेह है। सिंगल यूज प्लास्टिक या पॉलिथीन सस्ता, हल्का और उपयोग में आसान होता है इसलिए इसका इस्तेमाल व्यापक रूप से हर दुकानों या घरों में धड़ल्ले से किया जाता है। राशन की दुकान, फल, सब्जी, दवा, कपड़ा आदि अनेक दुकानों से जब हम कोई सामान खरीदते हैं तो वे दुकानदार हमारी सुविधा के लिए पॉली बैग में ही सामान दे देते हैं परंतु यह उपयोग में जितना आसान है उतना ही पर्यावरण के लिए खतरनाक भी है। 
          विद्यार्थी अमरजीत कुमार, आरती कुमारी, श्वेता कुमारी आदि ने बच्चों को बताया कि पॉलिथीन बैग्स या सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के बाद इसे घर के बाहर कचरे के रूप में फेंक दिया जाता है। यह कचरा नाली, नाला, तालाब, नदी सहित अन्य जलाशयों में जमा होकर जल निकास को अवरुद्ध कर देता है जिससे जल-जमाव की समस्या पैदा हो जाती है। इन प्लास्टिक के कचरों का कई सालों तक मिट्टी में अपघटन नहीं होता जिससे धरती में जल-शोधन सहजता से नहीं हो पाता है और भू-जल स्तर भी प्रभावित होता है। यह मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी क्षीण करता है। पॉलिथीन बैग्स आदि को जलाने पर तीव्र दुर्गंध युक्त धुआँ निकलता है जो वायु को दूषित करता है।
          इस विचार गोष्ठी में विद्यार्थियों ने पॉलिथीन बैग्स अथवा सिंगल यूज प्लास्टिक का  उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि वे दूसरों को भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए आग्रह करेंगे। उन्होंने यह भी निर्णय लिया कि हम जब भी सामान खरीदने दुकानों पर जाएँगे तो घर से ही कपड़े या जूट का थैला लेते जाएँगे। अपने अभिभावकों को भी ऐसे ही थैले का इस्तेमाल करने के लिए आग्रह करेंगे। 
          इस विचार गोष्ठी में बाल संसद के सदस्य और मीना मंच के बालिकाओं ने भी भाग लिया था। सभी के द्वारा विचारों के आदान-प्रदान करने के बाद बाल-संसद के  प्रधानमंत्री रूपावली ने घोषणा की कि अब विद्यालय में कोई भी विद्यार्थी अपनी किताब व कॉपी पॉलिथीन के बैग में  नहीं रखेंगे। प्रधानमंत्री की इस घोषणा का सभी बच्चों एवं शिक्षकों ने ताली बजाकर समर्थन किया।
          इसके बाद मैंने अपने विद्यालय की शिक्षिका किरण मैडम को कहा कि आप विद्यालय की बालिकाओं को पुराने कपड़ों से थैला बनाना सिखाएँ। उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार किया और विद्यार्थियों को थैला सिलना  सिखाने लगीं। मीना मंच की बालिकाएँ इस कार्य में अच्छी भूमिका निभाई। वे घर से पुराने कपड़े लाकर विद्यालय में उपलब्ध सिलाई मशीन से थैला सिलने लगी। अन्य विद्यार्थी भी इस अभियान में जुड़ गए। इस प्रकार विद्यालय में कपड़े के दर्जनों थैले बन गए।
          एक सप्ताह तक हर विद्यार्थी का बस्ता चेक किया गया। जो विद्यार्थी पॉलिथीन बैग में किताब-कॉपी लाते थे उन्हें कपड़े का एक थैला देकर घर से पुराना कपड़ा लाने को कहा जाता। इस अभियान से विद्यार्थियों में पॉलिथीन बैग्स इस्तेमाल करने की आदत छूट गई और वे कपड़े या जूट का थैला ही इस्तेमाल करने लगे। बच्चे घर पर भी पॉलिथीन का उपयोग नहीं करने और इसके स्थान पर कपड़े का थैला उपयोग करने के लिए अपने अभिभावकों से आग्रह करने लगे। 
इस मुहिम से हमारा विद्यालय पॉलिथीन मुक्त हो गया।


चन्द्रशेखर प्रसाद साहु
प्रधानाध्यापक
कन्या मध्य विद्यालय कुटुंबा
प्रखंड- कुटुंबा ( औरंगाबाद )
मो. न. 8092131203
whatsapp - 8092131203
email- shekharsahu78@gmail.com

7 comments:

  1. अनुकरणीय कार्य!

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  2. बहुत अच्छा प्रयास। धन्यवाद

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  3. सराहनीय कदम।

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  4. बहुत ही प्रेरणादायी एक्टिविटी को शेयर किए है सर। आपने इस कार्य को सहभागीतपूर्ण बनाया।
    लेकिन, इससे आगे बढ़ा कर बच्चो के घरों तक पहुचना होगा। बच्चो के अभिभावकों को भी कपड़े का थैला यूज़ करने के लिए प्रेरित करना होगा।
    2. इसमें लड़को को भी थैला सीने के लिए बताना अच्छा रहेगा।
    सर, आपका ये सुन्दर कार्य कबार से जुगाड़ की और भी ले जा रहा है।
    मेरा यह अनुभव है कि "कबार से जुगाड़" हमारे सभी समस्यों का समाधान है।
    उत्कृष्ट कार्यो के लिए सर को तहेदिल से धन्यवाद्💐💐💐💐

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