मई दिवस-रंजेश कुमार - Teachers of Bihar

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Friday 1 May 2020

मई दिवस-रंजेश कुमार

मई दिवस( MAY DAY )
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           पूरे संसार में अनेकों दिवस मनाए जाते हैं जो हमें कुछ खास वस्तुओं, व्यक्तियों या घटनाओं को याद रखने के लिए होता है। यदि ऐसा नहीं होगा तो उसे भुला दिए जाएँगे। यहाँ ऐसे अद्वितीय दिवस की चर्चा की जा रही है जिससे मजदूरों का शोषण बंद हुआ। बंधुआ मजदूरों को स्वतंत्रता मिली जो मूक जानवरों की तरह कार्य करते रहते थे जिसके बदले जो भी रूखा-सूखा मिल जाता बस उसी से संतुष्ट रहना पड़ता था। वैसे इसकी शुरूआत से लेकर पिछले साल तक यह दिवस मनाया जाता रहा लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब पूरा विश्व एक मई को *मजदूर दिवस* नहीं मना पाएँगे क्योंकि सभी "कोरोना" की महामारी से बचने के लिए लाॅकडाउन का पालन कर रहे हैं। खैर अगले साल दोगुणे खुशी से मना लेंगे इसमें क्या है।
          आज 1 मई को दुनियाँ भर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। खास बात यह है कि इस दिन को पिछले 132 साल से मनाया जा रहा है क्योंकि आज ही के दिन दुनियाँ भर के मजदूरों के अनिश्चित काल के काम के घंटों को 8 घंटे में बदला गया था। दरअसल सन् 1877 ई. में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया था जिसके बाद एक मई 1886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर हड़ताल की जिसमें लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए। इस हड़ताल के बाद सन् 1889 ई. में पेरिस में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई। इस प्रस्ताव के पास होते ही अमेरिका में आम मजदूरों को सिर्फ 8 घंटे काम करने का अधिकार प्राप्त हुआ। इसके बाद पहली मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई। भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में "लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिन्दुस्तान" द्वारा 1 मई 1923 को हुई l मजदूर दिवस प्रतिवर्ष 1 मई को मजदूरों के अधिकार दिलाने, मजदूर संगठनों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। यह 1886 में शिकागो में मजदूरों के "8 घण्टे कार्य" करने की मांग की जीत के फलस्वरूप मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मजदूरों के अधिकार के लिए लड़ने वाले लोगों के बलिदान को याद करना भी है।


रंजेश कुमार
प्राथमिक विद्यालय छुरछुरिया 
फॉरबिसगंज, अररिया

5 comments:

  1. अच्छी जानकारी। धन्यवाद

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  2. बहुत सुन्दर!

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  3. बहुत ज्ञानप्रद आलेख

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  4. सुन्दर व सारगर्भित आलेख

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  5. बहुत बढ़िया।बधाई।।

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