पुस्तक-संजय कुमार - Teachers of Bihar

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Thursday 23 April 2020

पुस्तक-संजय कुमार

पुस्तक
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          पुस्तक जीवन जीने का एक सशक्त माध्यम है। पुस्तकें ही हमारे जीवन को सँवारने का कार्य करती है क्योंकि अच्छी पुस्तक हमारे अंदर की आत्मा को जागृत करती है। मनुष्य के लिए यह एक ऐसा संसाधन है जो किसी देश या कालखंड की सभ्यता और संस्कृति की जानकारी प्रदान करती है। आज हम पुस्तकें पढ़कर या पढ़ा कर अपना या आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बनाने का कार्य करते हैं। पुस्तक हमारे अंदर छिपे हुए मनुष्यता को दर्शाता है। जब एक लेखक किसी पुस्तक की रचना करता है तो अपने उद्गार और अभिव्यक्ति को लिपिबद्ध करता है और उसकी अभिव्यक्ति उसके व्यक्तित्व को दर्शाता है कि वह किस व्यक्तित्व को धारण करता है। पुस्तक ज्ञान का वह सागर है जिसमें डुबकी लगाकर अपने मस्तिष्क को अमरत्व प्रदान करते हैं क्योंकि अच्छी रचना हमारे मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है और सारी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है। बदलते परिवेश में पुस्तक की महत्ता  थोड़ी कम हुई है। आज उसका स्वरूप वैज्ञानिक हो गया है फिर भी हम ई-लर्निंग के माध्यम से जो पुस्तक पढ़ते हैं या लिखते हैं उन पुस्तकों को खो जाने या डिलीट हो जाने के डर से उसका हार्ड कॉपी में बदल देते हैं और वह पुस्तक का रूप धारण कर लेता है और पुस्तक तैयार हो जाती है। सही मायने में पुस्तकें समाज का आईना होता है। समाज रूपी इस आईने का निर्माण ही पुस्तक है।
              पुस्तक दिवस की हार्दिक बधाई!
संजय कुमार प्रधानाध्यापक   
मध्य विद्यालय शिवगंज 
डेहरी ऑन सोन                   

3 comments:

  1. बहुत-बहुत सुन्दर रचना!
    विजय सिंह

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  2. बहुत-बहुत अच्छा!
    विजय सिंह

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