पुस्तक और शिक्षक-अरविंद कुमार गौतम - Teachers of Bihar

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Thursday, 23 April 2020

पुस्तक और शिक्षक-अरविंद कुमार गौतम

पुस्तक और शिक्षक
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          पुस्तक और शिक्षक का गहरा संबंध है। पुस्तक तो एकांत का मित्र भी है, ज्ञान का सागर, ज्ञान का भंडार इत्यादि सब कुछ तो यही है। लिखने और पढ़ने को जिसने जान लिया वह दुनियाँ का सब कुछ हासिल कर लिया क्योंकि ज्ञान ही सब कुछ है। ज्ञान के द्वारा हम कोई तकनीक हासिल कर सकते हैं, डॉक्टर बन सकते हैं, चाँद पर जा सकते हैं। अपने जिस शिक्षण पेशा के द्वारा हम बच्चों को तरासते हैं उसमें हमारी पुस्तक बड़े काम की है। कहा भी गया है- "पढ़ेंगे तभी तो पढ़ाएँगे"। अगर हम पढ़े हुए चीजों को भी बार-बार दुहराते हैं तो वह ज्यादा से ज्यादा गहराई तक हमारे समझ में उतरती है। हमें उसकी वास्तविकता से रूबरू होने का आनंद मिलता है। जॉन कीट्स ने कहा भी है ''नॉलेज इज पावर" । ज्ञान दूसरे तरीकों से शायद जितनी भी हासिल कर लें परन्तु पुस्तक की महत्वपूर्ण भूमिका से इन्कार कदापि नहीं किया जा सकता है। स्वयं भी पढ़ें और बच्चों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करें। मैं तो कहूँगा इस पुस्तक दिवस 23 अप्रैल 2020 को हम यह शपथ लें कि प्रत्येक दिन कम से कम दो पन्ने जरूर पढेंगे क्योंकि पढ़ने की आदत अगर लग गई और आजीवन कायम रह गया तो बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। एक लेखक बनने के लिए भी पढ़ना जरूरी होता है। पढ़कर हीं हम लेखन की शैलियाँ सीखते हैं, लेखन कला में पारंगत हो पाते हैं। तो आइए अरविंद कुमार गौतम मध्य विद्यालय न्यू डि्लीया डेहरी रोहतास की तरफ से आप सबों को विश्व पुस्तक दिवस की पूर्व संध्या पर हार्दिक बधाई।


अरविंद कुमार गौतम 
मध्य विद्यालय न्यू डि्लीया 
डेहरी, रोहतास 

3 comments:

  1. अनुकरणीय!
    विजय सिंह

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  2. बहुत ही सार्थक एवं अनुकरणीय

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