Thursday, 9 April 2020
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भूमिका--अपराजिता कुमारी
भूमिका
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आज के परिदृश्य में शिक्षकों की भूमिका, अधिकार एवं कर्तव्य से हम सभी भली-भांति परिचित हैं परंतु कुछ ऐसी भी स्थितियाँ हैं जिस पर हमें बार-बार मंथन करने की अति आवश्यकता महसूस होती है। हमारा कर्तव्य केवल इतना ही नहीं कि हम छात्रों को नियंत्रण एवं अनुशासन में रखें और सीखने एवं पढ़ने के लिए प्रेरित करते रहें अपितु छात्रों का समाजिकीकरण करना भी अति आवश्यक है। हमें उनके साथ दार्शनिक, निदेशक तथा मित्रवत व्यवहार रखना भी उतना ही जरूरी माना जा रहा है।
समाज में हम शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है क्योंकि पढ़ाने और सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में प्रत्यक्ष अनुभव की भूमिका सर्व प्रमुख है। शिक्षण प्रक्रिया को बेहतर प्रभावी बनाने में हम शिक्षक अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर छात्रों को मनोवैज्ञानिक ढंग से लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रेरित करते रहते हैं। हम यथासंभव सहायता प्रदान करने के साथ-साथ छात्रों की शंकाओं, जिज्ञासाओं, समस्याओं का समाधान करके उनकी विभिन्न दक्षताओं को विकसित कर उन्हें सुविज्ञ, सजग, कर्मठ और संवेदनशील बनाने की कोशिश करते हैं। विभिन्न शिक्षण पद्धति अपनाकर छात्रों का सर्वांगीण विकास करना, ऐसी अपेक्षा मात्र एक शिक्षक से ही की जाती है।
शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति में हमारी भूमिका इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम छात्रों के पूर्व ज्ञान, परिपक्वता, स्तर अभिवृत्तिओं, कौशल, विचार, वातावरण के अनुरूप परिवेश के आधार पर छात्रों को वांछित उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं। हम छात्रों को सक्रिय भागीदारी के लिए बौद्धिक क्रिया-कलापों के द्वारा प्रोत्साहित करें। हम छात्रों के विचारों को महत्व देते हुए शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के समय प्रेरक का कार्य कर सकते हैं जिससे छात्रों के कौशलों में निपुणता और सर्वांगीण विकास हो सके। शिक्षा के अतिरिक्त शिक्षक, छात्रों के वैज्ञानिक अभिवृत्ति, निष्पक्ष दृष्टिकोण, ईमानदारी, साझेदारी, नैतिक मूल्यों के विकास आदि में भी अपना अमूल्य योगदान देते हैं। इसी के अन्तर्गत समाज में हमारी भूमिका एक स्तंभ की तरह न होकर एक आधार की तरह मानी गई है। अतः हमें अपनी भूमिका के प्रति सतर्क, सजग एवं सक्रिय रहने की भरपूर आवश्यकता है।
अपराजिता कुमारी
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय,
जिगनाजगरनाथ
हथुआ, गोपालगंज
About ToB Team(Vijay)
Teachers of Bihar is a vibrant platform for all who has real concern for quality education. It intends to provide ample scope and opportunity to each and every concern, not only to explore the educational initiative, interventions and innovations but also to contribute with confidence and compliment. It is an initiative to bring together the students, teachers, teacher educators, educational administrators and planners, educationist under one domain for wide range of interactive discourse, discussion, idea generation, easy sharing and effective implementation of good practices and policies with smooth access.
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अनुकरणीय!
ReplyDeleteविजय सिंह
यह बात बिल्कुल सच है कि हमें अपने कर्तव्य व जिम्मेदारी के प्रति सतत जागरूक व सक्रिय होना चहिए। अधिक से अधिक अपनी भूमिका निर्वहन करनी चाहिए। अच्छी रचना लिखने के लिए भूरि भूरि प्रशंसा व धन्यवाद मैम।
ReplyDeleteIts good to know and makes me feel better that teachers like you are trying thier best to provide everything to a student just so he dont feel bored while, studying or having a presence of a teacher... it's true that in today's generation students try to find a bond between their teachers so that they don't feel scared or insecure about sharing whatever problem they have in their mind....I hope that more and more teachers try to understand their students
ReplyDeleteछात्रों के व्यक्तित्व विकास एवं भविष्य निर्माण में निश्चय ही शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। यदि हम निस्वार्थ भाव से अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो इसमें कोई संदेह नहीं कि समाज में शिक्षकों का गौरव काल पुनः वापस आ जाए । अच्छे आलेख हेतु बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं....
ReplyDeleteVery well said, indeed education is necessary however it is also important for a child to be knowledgeable and grow with values and ethics.
ReplyDeleteAppreciate it madam, love you read from you more in future. Thank you.
Anukaraniy...✍
ReplyDeleteBahut behtarin baat aapne likha h... sahi me ek shikshak ka dayitva class room tk hi simit nhi rahta h.. baccho ke liye hme hmesa prerna srot bn kar unka naitik Vilas krne ke liye sajag rahna chahiye....
Apki rachna ki jitni prasansa kru wo km h...
Big congratulations for you maim..
You are absolutely right mam. At first we should try to make our students a good citizen.They are future of our country.So we should provide them a well developed and comfortable platform where they can easily share and consult about there problems.We should behave in a friendly manner so they can feel comfortable in front of us. Teachers should treat like their parents.😊
ReplyDeleteIt is well said that teachers are the pillar of society.
We all appreciate you for this .👌👌
ReplyDeleteKeep it up.....👍
यह लेख शिक्षक़ों की भूमिका के बारे में है जो हमें अपनी भूमिका को समझने में विशेष महत्व का है। इसके लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद एवं धन्यवाद कि आपने इसके माध्यम से शिक्षा में शिक्षकों की महती भूमिका को प्रकाश में लाने का अच्छा प्रयास किया है।
ReplyDeleteगागर में सागर..��
ReplyDeleteBlog पढ़ने एवं अपनी प्रक्रिया देने के लिए सभी लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteNice thought
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