उचित नहीं है बिना परीक्षा प्रोन्नति-कल्याणमय आनंद - Teachers of Bihar

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Saturday 25 April 2020

उचित नहीं है बिना परीक्षा प्रोन्नति-कल्याणमय आनंद

उचित नहीं है बिना परीक्षा प्रोन्नति
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          लाॅकडाउन की वजह से सरकार ने कक्षा एक से ग्यारह तक के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय लिया है। सतही तौर पर यह निर्णय सही प्रतीत होता है लेकिन इससे न केवल शिक्षक बल्कि छात्रों को भी कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। दरअसल ऊपर की कक्षाओं के तार निचली कक्षाओं से जुड़े होते हैं। इनमें से एक भी तार टूटने पर अध्ययन और अध्यापन का स्वर बेसुरा हो जाता है। इसे एक सरल उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है। मान लिया जाए कि कोई छात्र अभी कक्षा एक में अध्ययनरत है। वह गिनती जानता है लेकिन जोड़ का अभ्यास उसने नहीं किया है। अब सरकार के इस निर्णय से वह कक्षा दो में स्थान प्राप्त कर लेगा। कक्षा दो के पाठ्यक्रम के अनुसार जब शिक्षक गुणा का अभ्यास सिखाएँगे तो उसे समझने में कठिनाई होगी क्योंकि गुणा हल करने के लिए जोड़ का ज्ञान होना आवश्यक है। उच्च कक्षा के छात्रों की तो समस्याएँ अधिक जटिल हो जाएँगी। जिस छात्र ने निचली कक्षा में गुणा और भाग का गहन अभ्यास नहीं किया है वह अगली कक्षा में वर्ग तथा घन पर आधारित प्रश्नों को हल नहीं कर पाएगा।
          इसी तरह की समस्याएँ प्रोन्नति से अगली कक्षा में आए उन सभी छात्रों को होगी जिन्हें पिछली कक्षा का समुचित ज्ञान नहीं है। कक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिल पाएगा जिन्होंने घर पर अभिभावक अथवा किसी अन्य की सहायता से पढ़ाई की होगी। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वालों में ऐसे छात्रों की संख्या बहुत कम ही होगी। इसका मुख्य कारण है सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का अशिक्षित अथवा अल्प शिक्षित होना। प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को ऑनलाइन क्लास दी जा रही है। विभिन्न एप के माध्यम से अगली कक्षा की तैयारी करवायी जा रही है। हालाँकि ऐसी सुविधाएँ सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। सरकारी विद्यालयों के छात्रों के लिए भी मेरा मोबाइल मेरा विद्यालय, दीक्षा पोर्टल, जूम एवं दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है लेकिन मौखिक क्लास के अभ्यस्त ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति भी इसके प्रतिकूल है। इसके अतिरिक्त बिना परीक्षा के अगली कक्षा में छात्रों के क्रमांक का निर्धारण भी उचित नहीं है। अधिक योग्य छात्र का क्रमांक नीचे कर दिए जाने पर उसके अंदर हीन भावना घर कर जाती है। अब प्रोन्नति दिए जाने की स्थिति में शिक्षक अनुमान से ही छात्रों के क्रमांक का निर्धारण करेंगे। इसमें त्रुटियों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बेहतर यह होगा कि सभी बच्चों की परीक्षा ली जाए। अनुत्तीर्ण होने वाले छात्रों के लिए न्यूनतम दो माह हेतु विशेष कक्षा की व्यवस्था की जाए। विशेष कक्षा का संचालन योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षक की निगरानी में हो। इसके बाद इनकी पुनः परीक्षा ली जाए। संतोषजनक प्रदर्शन करने वाले छात्रों को अगली कक्षा में स्थान दिया जाए। 
          दरअसल वर्तमान विद्यालयी व्यवस्था में परीक्षा ही एकमात्र प्रक्रिया है जिससे बच्चे के पाठ्यक्रम संबंधी वास्तविक योग्यता के बारे में जानकारी मिलती है। इसके अभाव में बच्चे की कमियों और उसे भविष्य में होने वाली कठिनाईयों को नहीं समझा जा सकता है। यही कारण है कि प्राइवेट विद्यालयों और कुछ सरकारी विद्यालयों में अर्द्ध वार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा के अतिरिक्त साप्ताहिक तथा मासिक परीक्षाएँ भी ली जाती हैं। परीक्षा, छात्र को पढ़ाने के लिए, शिक्षक को रणनीति बनाने में सहायक सिद्ध होती है। परीक्षा से ही शिक्षक को यह पता चल पाता है कि उसे छात्र को पढ़ाने के लिए किस स्तर और तकनीक का प्रयोग करना है। बिना प्रतिस्पर्धा और मेहनत के अगली कक्षा में स्थान पाने वाले छात्र अपनी कमियों को जानने-समझने के अवसर से वंचित रह जाते हैं। छात्र को यह पता नहीं चल पाता है कि किस विषय में उसकी क्या स्थिति है। किस विषय में उसे अधिक मेहनत करना है और किस विषय में सामान्य रूप से पढ़ाई करने से भी काम चल सकता है। इन सबको जानने का एकमात्र उपाय परीक्षा ही है। आज जिन छात्रों को परीक्षा में छूट दी जा रही है उन्हें भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में कोई छूट नहीं मिलने वाली।जीवन भी पग-पग पर परीक्षा लेती है। जीवन की परीक्षा में कोई छूट नहीं मिलती तो विद्यालय की परीक्षा में क्यों?



कल्याणमय आनंद 
सहायक शिक्षक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय निझरा, सोनैली, कटिहार-855114(बिहार)
मोबाइल:9113166335
ईमेल:kalyanmayanand@gmail.com

10 comments:

  1. बहुत ही अच्छा सुझाव और सुन्दर आलेख है।

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  2. अच्छी आलेख!
    विजय सिंह

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  3. बिल्कुल सही है, मगर कक्षा प्रोन्नति का आधार योग्यता कभी रहा नहीं।

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  4. Replies
    1. समय और परिस्थिति हर चीज बदल देती हैं। ऐसे आप का आलेख अच्छा है।

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  5. समय और परिस्थिति हर चीज बदल देती है। ऐसे आप का आलेख अच्छा है।👍

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  6. समय और परिस्थिति हर चीज बदल देती है। ऐसे आप का आलेख अच्छा है।👍

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