संदेश-ब्रजराज कुमार चौधरी - Teachers of Bihar

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Saturday, 30 May 2020

संदेश-ब्रजराज कुमार चौधरी

"टीचर्स ऑफ बिहार" का "स्कूल ऑन मोबाईल" कार्यक्रम मेरी नजर में
          
          समूह के सभी विद्वान शिक्षकों एवं अन्य शिक्षा प्रेमियों को नमस्कार। "टीचर्स ऑफ बिहार" के द्वारा संचालित "स्कूल ऑन मोबाइल" कार्यक्रम को पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ। काफी अच्छा लगा कि जब हम सभी कोरोना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन की स्थिति में बिलकुल भी कुछ कर पाने में सक्षम नहीं हो पा रहे थे।खास कर अपने स्कूली छात्रों के लिए। हममें से बहुत से लोग अपने स्कूलों और छात्रों को मिस करते हैं। हमें एक शिक्षक के रूप में अपने छात्रों की भी चिंता हो रही थी क्योंकि सरकारी स्कूलों के बच्चों को घर में भी बहुत हद तक पढ़ाई पूरी करने के लिए उपयुक्त माहौल नहीं मिल पाता है। ऐसे में हमें एक संवेदनशील शिक्षक के रूप में कुछ करने की जरूरत थी। तभी "टीचर्स ऑफ बिहार" के द्वारा "स्कूल ऑन मोबाईल"  कार्यक्रम की शुरुआत की गई  जो शिक्षा और शिक्षार्थियों के प्रति हमारे संवेदनशीलता और समर्पण को दिखाता है।
          अब बात ये आती है कि हममें से कुछ लोगों को लगता है कि आखिर इस कार्यक्रम की पहुँच कितने प्रतिशत छात्रों तक हो पाई या हमारे इस प्रयास का लाभ किस रूप में शिक्षा को मिला? जहाँ तक मुझे लगता है कि छात्रों के साथ-साथ हम शिक्षकों ने भी इस कार्यक्रम को देखा और सुना जिससे हमें भी अपने शिक्षण कौशल को बेहतर करने, जानकारियाँ बढाने में भी इस कार्यक्रम की भूमिका रही है। इस कार्यक्रम से हमलोगों को अलग-अलग विषयों की भी जानकारी हुई जिसका लाभ आगे वर्ग में हम सभी को मिलने वाला है।
          सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह कार्यक्रम उस समय आया जब हम पहले से ही सरकारी शिक्षा और शिक्षकों के लिए समाज के एक बड़े तबके के असंतोष का सामना कर रहे हैं। कुछ लोग सरकारी शिक्षकों और सरकारी शिक्षा को बेकार बताने को तुला हुआ था।  आंदोलन के टकराव के कारण सरकार भी हमें कटघरे में खड़े करने की दिशा में लगातार हमलावर थी। ऐसे में यह कार्यक्रम बिहार के सरकारी शिक्षकों के शिक्षा के प्रति अपने अदृश्य समर्पण भाव को  दिखाने में भरपूर योगदान कर रहा है। इस कार्यक्रम के द्वारा हम समाज में शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर  सकारात्मक संदेश देने के कार्य में सफल हो रहे हैं।
          इन सबके अलावा मुझे खास धन्यवाद देते हुए ये कहना है कि पहले जिस सोशल मीडिया पर सरकारी शिक्षकों की तस्वीरें, वीडियो प्रायः उनके अयोग्य, जानकारी नहीं होने, अक्षम होने इत्यादि का जो दोष लगाया जा रहा था अब वही मीडिया इनकी प्रशंसा करने में नहीं थकते। हमलोग बराबर मोबाइल पर उसी प्रकार के खबरों को देखते थे जो एक नकारात्मक प्रचार सोशल मीडिया पर सरकारी शिक्षकों के लिए चलते रहता था और वही दिखता था लेकिन जब से "टीचर्स ऑफ बिहार" ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की तब से सोशल मीडिया पर जब भी मोबाइल लेकर देखते हैं तो एक से बढ़कर एक तरह-तरह की प्रतिभाओं के साथ सरकारी शिक्षकों द्वारा किये जा रहे शिक्षण कौशल का प्रदर्शन देखने को मिलता है।
          परिणामस्वरूप नकारात्मक वीडियो धीरे-धीरे गायब होने लगे हैं और ये हमारे शिक्षकों की प्रतिभाओं को देखने का अवसर समाज के लोगों को भी मिल रहा है। अच्छी बात यह है कि हमारे नियोजित शिक्षकों की प्रतिभाओं का बढ़-चढ़ कर आगे आने से सबसे अधिक अयोग्यता के लांछन को झेलने वाले लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है। शिक्षकों के छवि को सुधारने और बिहार के शिक्षकों के लाॅकडाउन में भी अपनी क्षमताओं के बल पर बिना किसी भारी भरकम बजट या शून्य बजट पर भी शिक्षा के लिए इतना शानदार पहल कर पूरे देश और दुनिया की नजर अपनी तरफ खींचने में सफल रहे हैं।
          धन्यवाद! "टीचर्स ऑफ बिहार" के सभी समर्पित सदस्यों को जिनकी सोच के नतीजे के रूप में यह कार्यक्रम आया। पूरी टीम को बहुत बधाई और बहुत-बहुत आभार!

     

ब्रजराज कुमार चौधरी
मध्य विद्यालय रन्नूचक
नाथनगर भागलपुर 
मो. न. -9973946750   

11 comments:

  1. बहुत खूबसूरत ✍️✍️👌👌🙏🙏💐💐

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  2. बहुत सुंदर संदेश!

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  3. बहुत सुंदर एवं सटीक विश्लेषण

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  4. भैया आपने अपने माध्यम से हम सभी शिक्षकों के दिल की बात कही है।हम सब भी अपने विद्यालय के बच्चों को मिस कर रहे है।हमे उनकी बहुत चिंता सता रही है।

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  5. आपने अच्छा विश्लेषण किया है। धन्यवाद व साधुवाद

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  6. बेहतरीन संदेश 👌👌👌

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  7. सूंदर आलेख ।

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  8. बहुत सुंदर भैया दिल की बात आपने कह दी

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