Friday, 29 May 2020
New
पोषम पा-सीमा कुमारी
पोषम पा
पोषम पा भई पोषम पा,
डाकिए ने क्या किया
सौ रुपए की घड़ी चुराई,
अब तो जेल में जाना पड़ेगा
जेल की रोटी खानी पड़ेगी
जेल का पानी पीना पड़ेगा।
मुनिया का मन इस खेल में जरा भी नहीं लग रहा है। वह तो इंतजार कर रही है कि कब यह खेल की घंटी खत्म हो और भरी कक्षा में जब सभी बच्चे क्लास रुम में खचाखच बैठ जाएँ तब वह सबके बीच में सर की नजर बचा कर आराम से सो जाएँ। बेला को समझ नहीं आ रहा है कि ये अचानक मुनिया को क्या हो गया है। हमलोगों के बीच अभी कोई झगड़ा भी नहीं हुआ और न ही हम कट्टीस हुए फिर ये मुनिया हमसे बोल-चाल क्यों बंद कर दी है, अचानक ?
रे मुनिया चल ना हमलोग डेंगा पानी खेलते हैं।
उस उचका पर चढ़ कर
ना मुनिया, "मुझे बहुत डर लगता है खेलने में" कहीं कोई पकड़ न ले मुझे। लेकिन हमलोग छुअम छुपाई थोड़ा न खेल रहे जो तुम्हें कोई पकङ़ेगा बता-
घंटी की टनटनाहट ने थोड़ी ही देर में दोनों के खेल को विराम दे दिया ।
कक्षा में गोपी सर थे।
रोज की तरह मुनिया कोने में जाकर सो गई।
गोपी सर की नजर काफी दिन से मुनिया पर ही टिकी थी।
उन्होंने मुनिया के शरीर को जैसे ही छू कर उठाने की कोशिश की कि मुनिया हङ़बङ़ा कर उठ बैठी।
अपने चेहरे को छुपा कर जोर-जोर से चिल्लाने लगी।
गोपी सर ने प्यार से पूछा, "क्यों रे मुनिया तू रात भर सोती नहीं जो यहाँ आकर सो जाया करती हो"!
और मुझसे इतना डरती क्यों हो मैने तो तुम्हें कभी नहीं पीटा।
मुनिया सुबकती रही, कुछ नहीं बोली ।
बेला ने कुछ खुलासा करते हुए कहा कि , "जब से इसके घर में इसके एक चाचा जी आए हैं तभी से यह सहमी सहमी रहती है सर ।
अब तो यह मुझसे भी ठीक से बात नहीं करती।
गोपी सर की समझ में कुछ-कुछ बातें आ गई थी।
आज उन्होंने कक्षा में बाडी पार्ट्स के साथ-साथ गुड टच और बैड टच के बारे में भी बताया और अपने व अंजाने लोगों से भी इससे बचने की सलाह दी। अधिक जोर जबर्दस्ती करने पर अगर पुलिस को खबर कर दो तो पुलिस वैसे आदमी को तुरंत पकड़ कर ले जाती है।
मुनिया ने कक्षा के बाद गोपी सर के प्यार से समझाने पर रात भर उस चाचा के द्वारा पीड़ित होने की बात स्वीकारा । गोपी सर ने तुरंत 1098 पर चाइल्ड हेल्पलाइन फोन किया। अगले ही दिन उसके चाचा को पुलिस पकड़ कर ले गई और मुनिया चैन की नींद सोई।
मुनिया गुनगुना रही है-
अब तो जेल की रोटी खानी पङ़ेगी, जेल का पानी पीना पङ़ेगा।
आओ बेला चलें स्कूल का टाईम हो गया है।
मुनिया की लाल फीते वाली चोटी लहरा रही थी हवा में अब वह एक बार फिर से चहकती हुई मुनिया बन गई थी ।
सीमा कुमारी
राजकीयकृत मध्य विद्यालय बीहट
प्रखंड - बरौनी , जिला - बेगूसराय
About ToB Team(Vijay)
Teachers of Bihar is a vibrant platform for all who has real concern for quality education. It intends to provide ample scope and opportunity to each and every concern, not only to explore the educational initiative, interventions and innovations but also to contribute with confidence and compliment. It is an initiative to bring together the students, teachers, teacher educators, educational administrators and planners, educationist under one domain for wide range of interactive discourse, discussion, idea generation, easy sharing and effective implementation of good practices and policies with smooth access.
पोषम पा-सीमा कुमारी
Labels:
Blogs Teachers of Bihar,
Teachers of Bihar,
Teachers of Bihar Blogs,
ToBBlog,
ToBblogs,
पोषम पा-सीमा कुमारी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
This is a major Social problem
ReplyDeleteथैंक्स मैम 😘
Deleteबहुत अच्छा लिखा है आपने।
ReplyDeleteआभार सर 🙏
Deleteअतिसुंदर!
ReplyDeleteथैंक्स सर
Deleteउत्सुकता जगाने वाले शीर्षक से आरंभ होकर यह लघुकथा हमें उस दुनिया में ले जाती है जहां तक पहुंचने की जरूरत हर छात्र, शिक्षक और अभिभावक को है। बच्चों के कोमल मन पर बेहद विपरीत प्रभाव डालने वाली ऐसी घटनाएं आए दिन हमारे समाज में घटित हो रही हैं। एक शिक्षक के रूप में यदि हम किशोर वय बच्चों को गुड टच और बैड टच को अच्छी तरह से समझा सके और बैड टच का तीव्र प्रतिरोध करना सिखा सके तो एक हद तक इस तरह की घटनाओं को रोकने की दिशा में सार्थक प्रयास हो सकता है। यह हम शिक्षकों का दायित्व और कर्तव्य भी है। बेहद संवेदनशील परंतु अपरिहार्य विषय पर सटीक लेखन हेतु बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteतहे दिल से आभार सर इस हौसला आफजाई के लिए 🙏
Deleteहृदय को स्पर्श करता हुआ , Child Maltreatment केंद्रित भावुक कथा ।
ReplyDeleteथैंक्यू सर 🙏
Deleteबहुत सुंदर रचना।।
ReplyDeleteथैंक्स मैम
ReplyDeleteशानदार 👍👌
ReplyDeleteThanks mukesh
Delete