Saturday, 13 June 2020
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भाषा और गणित-राहुल कुमार
भाषा और गणित एक दूसरे के विपरीत ध्रुवीय अक्ष जरूर लगते हों लेकिन वस्तुतः ऐसा है नहीं। भाषा एवं गणित का अन्योन्याश्रय संबंध रहा है लेकिन दुर्भाग्य है, हमारी शिक्षा पद्धति का जिसने भाषा को गणित से अलग-थलग कर दिया। विगत 20-25 वर्षों में हमारी शिक्षा पद्धति ने हमें केवल भाषायी रूप से ही कमजोर नहीं किया है हमारे बच्चों को अंदर से खोखला करने का भी काम किया है। आजकल कागज के चंद टुकड़े बच्चों के हाथों में थमा कर हमारी शिक्षा पद्धति अपनी पीठ थपथपाने में लगी है।
गणित को भाषा और तर्कशक्ति से जोड़ने के कई कारण हैं। जब भी हम गणितीय इबारती प्रश्नों को हल करते हैं या बच्चे उन्हें हल करने की कोशिश करते हैं तो उनके सामने भाषागत समस्यायें आती हैं, चाहे भाषा जो भी हो, जिनकी भी हो। हमारी भाषा पर पकड़ जितनी अच्छी होगी हमारी गणितीय समझ भी उतनी ही अच्छी होगी। गणित के कुछ फॉर्मूलों की सहायता से कुछ गणितीय सवाल हल करना और बात है लेकिन बच्चों में गणितीय समझ का विकास केवल गणित के फॉर्मूलों से नहीं की जा सकती। इसके लिए हमें हमारी भाषा को उन्नत करना होगा। गणित में तार्किकता का विशेष स्थान होता है। जो भाषा में निपुण, प्रवीण होगा, उनकी गणितीय क्षमता अधिक होगी। उनकी रीजनिंग क्षमता अधिक होगी। आज हम भाषायी रूप से बहुत ही दरिद्र हुए हैं। गणित के शिक्षक तो अपने आप को गणित के विशेषज्ञ मानते हुए भाषा से दूर भागते ही रहते हैं।
गणित और भाषा एक दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिए, "here and there" अधिकतर अंग्रेजी में "adverb" और "हिंदी" में क्रिया विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं लेकिन जब इन्हीं शब्दों को हम गणित के मैथमेटिकल रीजनिंग में उपयोग करते हैं तो यह वेरिएबल हो जाता है। गणितीय चर x,y,z...। जब हम मैथमेटिकल मॉडलिंग एवं मैथमेटिकल रीजनिंग की बात करते हैं तो उसमें भाषा और व्याकरण की बहुत सारी बातें आती है, जैसे- statement, negation of a statement, compound statement, phrases, exclamation, order, question.
अतः एक गणित के शिक्षक होते हुए भी हमें भाषा और व्याकरण की बारीकियों को जानने की आवश्यकता है। हमें भक्ति से निकलकर तार्किक होना पड़ेगा तभी हम गणित को ठीक ढंग से समझ सकते हैं और बच्चों को भी ठीक से समझा सकते हैं।
राहुल कुमार
मध्य विद्यालय खोपी
रुन्नीसैदपुर, सीतामढ़ी
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भाषा और गणित-राहुल कुमार
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केवल गणित और भाषा ही नहीं, देखा जाए तो लगभग सभी विषय दूसरे विषयों से अंतर्संबंध रखते हैं। हम यह नहीं कह सकते कि इतिहास का गणित से कोई संबंध नहीं है या गणित का भूगोल से कोई लेना-देना नहीं है। हमें किसी विषय विशेष को उसके सभी परिप्रेक्ष्यों में समझने की जरूरत है। और यह तभी हो सकता है जब हम किसी भी विषय को ठीक तरह से समझने की कोशिश करें। एक महत्वपूर्ण समस्या पर अच्छे तरीके से अपनी बात रखने के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteThanks a bunch.
Deleteबहुत-बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteThanks a million.
Deleteभाषा और गणित पर आपने अच्छा आलेख लिखा है सर। इस हेतु बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteThanks a lot.
Deleteभाषा और गणित पर आपने अच्छा आलेख लिखा है सर। इस हेतु बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteअनेक धन्यवाद।
Deleteविषय से संबंधित अच्छा आलेख
ReplyDeleteबहुत_बहुत धन्यवाद.
DeleteThis comment has been removed by the author.
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