वन संरक्षण का महत्व-राजेश कुमार सिंह - Teachers of Bihar

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Saturday, 4 July 2020

वन संरक्षण का महत्व-राजेश कुमार सिंह

वन संरक्षण का महत्व 
     
          प्रकृति व मानव के संतुलन का मूल आधार वन है। वन हमारे पारिस्थिकी  तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मानव जीवन में वृक्षों का विशेष महत्व है। जंगल तरह तरह के फल फूल, वनस्पतियों, औषधियों एवं  जड़ी-बूटियों की प्राप्ती का स्थान है। हमारे देश की प्राचीन संस्कृति में वृक्षों की पूजा एवं आराधना की परम्परा रही है। वन हमारी  सभ्यता व संस्कृति के रक्षक  हैं। शांति व एकांत की खोज में हमारे ऋषि मुनि वनों में रहते थे। वहाँ उन्होंने तत्व ज्ञान प्राप्त किया साथ ही विश्व कल्याण के लिए चिंतन मनन भी करते थे। आयुर्वेद के अनुसार पेड़ पौधों से मानव को स्वस्थ एवं दीर्घायु किया जा सकता है। 
          वन धरती व पहाड़ों का क्षरण रोकते हैं, नदियों को बहाव एवं गतिशीलता प्रदान करते हैं। वन बादलों एवं वर्षा का स्रोत हैं साथ ही तरह-तरह के पशु-पक्षीयों की उत्पत्ति, निवास एवं आश्रय स्थल भी है। इमारती लकड़ियों की प्राप्ती का  एक बड़ा माध्यम है वन। सबसे महत्वपूर्ण हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों को अवशोषित कर वन मानव जाति के लिए एक वरदान का भी काम करता है।
          हमारे शास्त्रों में भी पेड़ लगाने को पुण्य कार्य बताया गया है। एक पेड़ 100 पुत्रों के बराबर माना गया है। भारत में पेड़ों की विशेष रूप से पूजा की जाति है। प्राचीन काल से हीं मनुष्य पेड़ों की पूजा करता आ रहा है। वृक्ष हमें नैतिकता, परोपकार एवं विन्रमता की शिक्षा देते हैं।
          वन महोत्सव हमें प्रकृति से जोड़ता है। इस दौरान लाखों की संख्या में पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। पेड़ लगाकर वनों को घना करना एवं वन क्षेत्र को बढ़ाना वन महोत्सव का उदेश्य है।  यह प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने की एक युक्ति है। इसमें आम लोगों की भागीदारी जरुरी है। भारत में हर साल जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में वन महोत्सव मनाया जाता है। डॉ के. एम. मुंशी ने 1950 में इसकी शुरुआत की थी। भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, कनाडा, रूस, इंडोनेसिया, सूडान एवं कांगो गणराज्य दुनिया के शीर्ष वन समृद्ध देश हैं। इन देशों में विश्व के कुल वन क्षेत्र का 67 फीसदी हिस्सा आता है। भारत में मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, केरल, एवं अंडमान निकोबार उन राज्यों में हैं जहां सर्वाधिक वन क्षेत्र हैं। 
          भारत में कई ऐसे वन क्षेत्र हैं जो पर्यटको के बीच खासा लोकप्रिय हैं। पश्चिम बंगाल में सुन्दर वन क्षेत्र अपने सफेद बाघों के लिए मशहूर है तो गुजरात का जूनागढ़ स्थित  गिर वन अपने शेरों के लिए प्रसिद्ध है।1936 में स्थापित उत्तराखंड का जिम कार्बेट वन्य जीव प्रेमीयों के लिए काफ़ी अनुकूल है। राजस्थान के सवाई माधोपुर का रणथंभौर तेंदुआ, बाघ, मगरमच्छों का घर है तो उत्तर पूर्व में मेघालय की खासी वन अपनी समृद्ध हरियाली के लिए जानी जाती है।
          आज तीव्र गति से जनसंख्या बढ़ने एवं औद्योगिक विकास के कारण पर्यावरण की समस्या गंभीर हो रही है। वनों के अंधा-धुंध कटाई से जलवायु में परिवर्तन हो रहा है एवं तापमान बढ़ता जा रहा है। नदियों का जल दूषित हो रहा है। वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ रही है। इससे भावी पीढ़ी के स्वास्थ को खतरा पैदा हो गया है। वन मानव जाति के अस्तित्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। वृक्षारोपण करके हम अपने भावी पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ एवं सुन्दर वातारण का सृजन कर सकते हैं।
    
राजेश कुमार सिंह 
अलख नारायण सिंह उच्च विद्यालय एकमा 
सारण बिहार

2 comments:

  1. वन धरती का श्रृंगार है। यह पृथ्वी पर जीवन का आधार है। उपयोगी और विचारणीय आलेख ।

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  2. बहुत-बहुत सुन्दर!

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